मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत समेत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय देशों में Microsoft Outage का असर हुआ है। जहां तक बात CrowdStrike की है, तो यह कंपनी दूसरी कंपनियों को सपोर्ट देती है। आसान शब्दों में समझाया जाए, तो दुनियाभर की कंपनियां अपने पीसी-लैपटॉप में CrowdStrike की सुविधा को इस्तेमाल करती हैं ताकि उनके सिस्टम हैकर्स से सुरक्षित रहें। साथ ही यह रैंसमवेयर और डेटा लीक से बचाव में भी मदद करती है।
ज्यादातर विंडोज सिस्टमों में CrowdStrike की मौजूदगी होती है। दुनियाभर की कंपनियां क्राउडस्ट्राइक का इस्तेमाल करती आई हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि क्राउडस्ट्राइक का एक सर्वर क्रैश हुआ है, जिससे माइक्रोसॉफ्ट की सेवाओं पर असर हुआ है और विंडोज भी इससे अछूता नहीं है। खास यह है कि इस कंपनी को सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर कंपनी मैकेफी (McAfee) के एक पूर्व कर्मचारी ने शुरू किया था।
अगर क्राउडस्ट्राइक के सर्वर में क्रैश की बात को ठीक मान भी लिया जाए, तब भी सबसे ज्यादा असर
माइक्रोसॉफ्ट को हुआ है, जिसके विंडोज कंप्यूटर प्रभावित हो रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों के पीसी-लैपटॉप ब्लू स्क्रीन दिखा रहे हैं और रिकवरी मोड में चले जा रहे हैं, जिसे BSOD एरर के रूप में जाना जाता है।