इससे पहले हुए शोधों में भी गुस्से और दिल के स्वास्थ्य का संबंध बताया गया था। लेकिन इसके पीछे कारण क्या होता है, इसके बारे में तस्वीर बहुत ज्यादा साफ नहीं थी। नई स्टडी में कहा गया है कि एकदम से बहुत ज्यादा गुस्सा करना ब्लड वेसल की लाइनिंग पर बहुत ज्यादा दबाव डालता है जिससे हार्ट स्ट्रोक भी आ सकता है। रिसर्च यह भी कहती है अगर रक्त वाहनियों को स्वस्थ बनाए रखना है तो स्वभाव को शांत बनाए रखने की बहुत जरूरत है।
रोचक रूप से यहां एक और बात सामने आई है। गुस्से का जो असर रक्त वाहनियों पर होता है, वह असर उदासी या परेशानी का नहीं होता है। यानी कि चिंता करने से रक्त वाहनियों की लाइनिंग को इस तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है। हालांकि, अन्य कई शोधों में इस बात का जिक्र किया गया है कि चिंता और उदासीनता दिल की बिमारियों का कारण बन सकती है। न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर में मेडिसिन की प्रोफेसर, और स्टडी की प्रमुख लेखक दाइची शिम्बो के मुताबिक, संवहनियों की कार्यप्रणाली का बिगड़ना हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसे रिस्क को बढ़ाता है।
ऑब्जर्वेशन आधारित स्टडी यही कहती हैं निगेटिव इमोशन का दिल की बिमारी और अन्य कार्डियोवेस्कुलर बिमारी से सीधा संबंध है। और सबसे बड़ा निगेटिव इमोशन गुस्से को ही बताया गया है। स्टडी को Journal of the American Heart Association में पब्लिश किया गया है। इसमें शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि क्या एक न्यूट्रल इमोशन की तुलना में निगेटिव इमोशन जैसे- गुस्सा, उदासी और चिंता का कितना गहर असर पड़ता है।
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