Nissan अपने वर्कफोर्स में से 9000 कमर्चारियों की छंटनी करने जा रही है। कंपनी ने घोषणा की है कि वो ग्लोबल लेवल पर यह छंटनी करेगी। Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में कार बनाने वाली कंपनियों को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही मुख्य मार्केट्स में डिमांड की पूर्ति कर पाने में कंपनियां पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही हैं। इसके अलावा, चीनी कंपनियों से विश्व भर की कार मेकर्स कंपनियों को कड़ी टक्कर मिल रही है। विशेष रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बनाने में चीनी कंपनियां लगातार अन्य ग्लोबल कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं।
Nissan के पास 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों का वर्कफोर्स है। लगभग 10 हजार लोगों की छंटनी से इस वर्कफोर्स की मजबूती पर भी नकारात्मक असर पड़ने की संभावना है। हालांकि UK फैक्ट्री इस छंटनी से अछूती रहने की बात कही गई है। पिछली तिमाही में कंपनी को बड़ा घाटा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार निस्सान को 9 बिलियन येन का नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं, पिछले साल इसी अवधि के दौरान कंपनी को 191 बिलियन येन का प्रॉफिट हुआ था।
कंपनी का कहना है कि इस वक्त उसकी स्थिति गंभीर है। उसे सेल्स और फैक्ट्री में लगने वाली ऊंची लागत का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से अमेरिका में डीलर्स के पास बहुत सी ऐसी कारें हैं जो कंपनी को भारी छूट देने के लिए मजबूर कर सकती हैं। निसान ने कहा कि वह उस पॉइंट पर पहुंचना चाहती है जहां वह प्रति वर्ष 3.5 मिलियन कारें बेचने पाए तो फायदे में आ जाएगी। लेकिन मार्च तक कंपनी की 3.4 मिलियन कारों की ही बिक्री हुई।
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