स्पेसडॉटकॉम के अनुसार, चीनी स्पेस एजेंसी का कहना है कि तीनों अंतरिक्ष यात्रियों की हेल्थ एकदम ठीक है। जब भी चीनी यात्रियों ने पृथ्वी पर लैंड किया है, तो वह दिन का वक्त था। ऐसा दूसरी बार हुआ, जब चीन के एस्ट्रोनॉट्स ने रात में लैंडिंग की। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए बचाव दल ने इन्फ्रारेड थर्मल इमेजर्स का इस्तेमाल किया और उस कैप्सूल तक पहुंच गए, जिसमें अंतरिक्ष यात्री लौटे थे।
इसका वीडियो वहां की न्यूज एजेंसी ने शेयर किया है, जो काफी दिलचस्प और कुछ हद तक फिल्मी भी नजर आता है। स्पेस स्टेशन से लौटने से पहले तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने वहां कई वैज्ञानिक प्रयोग किए। उन्होंने प्राचीन सूक्ष्मजीवों को स्टडी किया। मई में एक स्पेसवॉक की। चीन का स्पेस स्टेशन, स्पेस मलबे की वजह से तकनीकी गड़बड़ी का शिकार हो गया था। ऐसे में स्पेस स्टेशन पर शील्ड लगाने का काम भी तीनों ने पूरा किया।
चीन का स्पेस स्टेशन अब ‘शेनझोउ 19′ क्रू के हाथ में है। वे सभी वहां 30 अक्टूबर को पहुंचे थे। ‘शेनझोउ 19′ अंतरिक्ष यात्रियों का स्वागत ‘शेनझोउ 18′ के क्रू ने किया और फिर 1 नवंबर को कंट्रोल नई टीम को सौंप दिया गया। उसके बाद ‘शेनझोउ 18′ के तीनों यात्री पृथ्वी पर लौट आए।
तियांगोंग स्पेस स्टेशन एक 55 मीटर लंबा स्टेशन है। इसका वजन 77 टन है। यह अमेरिका और रूस के दबदबे वाले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से 20 फीसदी बड़ा है। इस स्पेस स्टेशन पर भी कई प्रयोग किए जा रहे हैं। चीन की अंतरिक्ष एजेंसी कम से कम एक दशक तक इस स्पेस स्टेशन को ऑपरेट करना चाहती है।
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