Put 34 zeros after 2 Russia imposed such a fine on Google

रूस और अमेरिका के बीच तनातनी जगजाहिर है। यूक्रेन-रूस की जंग के बाद दो महाशक्ति‍यों के बीच रिश्‍ते सबसे नाजुक मोड़ पर हैं। अब रूस की अदालत ने अमेरिकी कंपनी गूगल (Google) पर जुर्माना ठोका है। जुर्माने की रकम 20 डेसिलियन डॉलर के बराबर है। यह इतनी ज्‍यादा है कि 2 के बाद 34 जीरो लगाने होंगे। रिपोर्टों के अनुसार, जो जुर्माना ठोका गया है, वह दुनियाभर की अर्थव्‍यवस्‍था से भी ज्‍यादा है यानी इतना पैसा धरती पर है ही नहीं। यह फाइन गूगल की मूल कंपनी अल्‍फाबेट के यूट्यूब (Youtube) पर लगा है। इसकी वजह रूसी सरकारी मीडिया चैनलों को ब्‍लॉक करना है, जिन्‍हें रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद ब्‍लॉक कर दिया गया था। 

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, यह जुर्माना तब लगाया गया, जब एक रूसी अदालत ने फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि Google ने YouTube पर रूस के मीडिया चैनलों को बैन करके राष्ट्रीय प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है। यह भी कहा गया है कि अगर 9 महीनों के अंदर रूसी चैनलों का प्रसारण बहाल नहीं किया गया तो जुर्माना हर दिन दोगुना हो जाएगा। 

मामला साल 2022 का है। यूट्यूब ने RT और स्पूतनिक समेत कई रूसी चैनलों पर ग्‍लोबल बैन लगा दिया था। यूट्यूब का कहना था कि इन चैनलों ने हिंसक घटनाओं को नकार दिया, उन्‍हें महत्वहीन बताया। इन दलीलों के साथ चैनलों को ब्‍लॉक कर दिया गया था। इस ऐक्‍शन पर रूस में काफी सख्‍त प्रतिक्र‍िया हुई और मामला अदालत में पहुंच गया।  

हालांकि रूस की ओर से गूगल पहले ही जुर्माने का सामना कर रहा है। रूस के दो प्रमुख मीडिया आउटलेट्स जारग्रेड और आरआईए फैन को बैन करने से रूस पर रोजाना 1 हजार डॉलर का जुर्माना साल 2020 से लग रहा है। रिपोर्टों के अनुसार, रूस के 17 प्रसारकों ने मिलकर मुकदमा लड़ा। वह अपने चैनलों का प्रसारण दोबारा से बहाल करने की मांग कर रहे हैं। 
 

Google ने रूस में अपना काम किया सीमित 

2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था। उसके बाद से Google ने रूस में अपने कामकाज को सीमित कर दिया था। हालांकि वहां अभी भी यूट्यूब और गूगल सर्च जैसी सर्विसेज जारी हैं। 
 

क्‍या गूगल को सचमुच ये जुर्माना देना होगा?

सवाल है कि जितना जुर्माना गूगल पर लगाया गया है, क्‍या उसे वह चुकाना होगा। रूस ने इस जुर्माने को प्रतीकात्मक उपाय बताया है। इसका मकसद Google को रूसी प्रसारकों पर अपने रुख पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर करना है। सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रूसी मीडिया को बताया कि भारी भरकम जुर्माने की रकम का मकसद इस बात की ओर ध्यान आकर्षित करना है कि रूस, रूसी मीडिया पर YouTube के प्रतिबंध के मुद्दे को कितनी गंभीरता से देखता है। 
 

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