What is Digital Arrest?
शुरुआत करने से पहले आपको सबसे पहले यह बताते हैं कि आखिर ये डिजिटल अरेस्ट क्या होता है? डिजिटल अरेस्ट एक ऐसी ऑनलाइन ठगी है, जिसमें स्कैमर्स खुद को सरकारी अफसर दिखाकर लोगों से कॉन्टैक्ट (खासतौर पर वीडियो कॉल के जरिए) करते हैं और उनके किसी नकली क्राइम में शामिल होने का दावा करते हैं। वे पीढ़ितों को धमकाते हैं कि यदि उन्होंने उनका (नकली सरकारी अधिकारी) साथ नहीं दिया, तो उन्हें भारी जुर्माना और लंबी कैद होगी। इसके बाद वे लोगों को पैसों की डिमांड पूरी करने के लिए कहते हैं। पीड़ित को इस तरह से जाल में फंसाया जाता है कि वह मजबूरन पैसे देने को राजी हो जाता है।
PM Modi on Digital Arrest
पीएम मोदी ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बारे में बताने से पहले इससे जुड़ा एक वीडियो दिखाया, जिसके जरिए उन्होंने बताया कि ‘डिजिटल अरेस्ट’ की घटनाओं को किस तरह अंजाम दियाजाता है। उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वाले पुलिस, सीबीआई, नारकोटिक्स या RBI के अधिकारी बनकर लोगों को डराते व धमकाते हैं। पीएम ने डिजिटल अरेस्ट को फरेब कहा और बताया कि कैसे इस फरेब को अंजाम देने वाले लोगों को फंसाते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि फ्रॉड करने वालों का का पहला दांव होता है कि वे आपकी सारी व्यक्तिगत जानकारी जुटा कर रखते हैं। उनका दूसरा दांव अपने टार्गेट के सामने डर का माहौल बनाना होता है। पीएम ने कहा कि फ्रॉड करने वाले फोन कॉल पर इतना डरा देंगे कि आप कुछ सोच ही नहीं पाएंगे।
इसके बाद उन्होंने बताया कि फ्रॉड करने वालों का तीसरा दांव समय का अभाव दिखाना होता है, ये इतना मनोवैज्ञानिक दबाव बनाते हैं कि इंसान डर जाता है और डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो जाता है।
PM Modi ने लोगों से कहा कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार हर उम्र के लोग हो रहे हैं और डर की वजह से अपनी मेहनत से कमाए हुए लाखों रुपए गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि आपके पास इस तरह की कॉल आए तो आपको सबसे पहले डरना नहीं है। आपको पता होना चाहिए कि कोई भी जांच एजेंसी फोन या वीडियो कॉल के जरिए इस तरह पूछताछ कभी नहीं करती है।
PM Modi suggest steps to protect yourself
PM मोदी ने डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड से बचने के लिए तीन स्टेप्स शेयर किए हैं। यह ‘रुको-सोचो-एक्शन लो’ मंत्र है।
- पहला स्टेप है ‘रुको’, जिसमें उन्होंने कहा कि लोगों को सबसे पहले रुकना चाहिए और व्यक्तिगत जानकारी किसी से भी शेयर नहीं करनी चाहिए। अगर संभव हो तो स्क्रीनशॉट लेना चाहिए या रिकॉर्डिंग कर लेनी चाहिए।
- दूसरे स्टेप है ‘सोचो’, जहां लोगों को सोचना और समझना चाहिए कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर ऐसे धमकी कभी भी नहीं देती और वीडियो कॉल के जरिए पूछताछ करके पैसों की मांग नहीं करती है।
- तीसरा स्टेप है ‘एक्शन लो’, जहां लोगों को ऐसे फ्रॉड करने वालों के खिलाफ तुरंत एक्शन लेना चाहिए। ऐसा करने के लिए आप साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 डायल करके आपके पास आई कॉल की सूचना दे सकते हैं या www.cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं।