कंपनी का कहना है कि इसे इस्तेमाल करना काफी आसान है। ‘इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट’ डायरेक्ट स्टोर के बिलिंग डेस्क से जुड़ा होता है। ऐसे में कोई कस्टमर जब सामान कार्ट में डालेगा, तो कार्ट पर लगे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस कैमरे और स्कैनर उस प्रोडक्ट को बिलिंग डेस्क पर भेज देंगे। वहां से प्रोडक्ट के प्राइस को सीधे बिल में जोड़ दिया जाएगा।
अगर कोई प्रोडक्ट गलती से शॉपिंग कार्ट में चला गया। या कस्टमर किसी प्रोडक्ट को नहीं खरीदना चाहता, तो उसे कार्ट से निकालने के बाद फौरन उसके प्राइस, बिल से माइनस हो जाएंगे। आखिर में बिलिंग डेस्क, कस्टमर के कार्ट यानी ट्रॉली का क्यूआर कोड स्कैन करेगा और फाइनल बिल तैयार हो जाएगा।
‘इंटेलिजेंट शॉपिंग कार्ट’ का इस्तेमाल रिलायंस रिटेल अभी प्रोजेक्ट के रूप में कर रही है। इसे हैदराबाद और मुंबई के कुछ सिलेक्टेड स्टोर्स में यूज किया जा रहा है। जल्द इसे देश के बाकी स्टोर्स में भी लाया जा सकता है।
इलेक्ट्रॉनिक तराजू को भी AI से जोड़ने की तैयारी
जियो के मुताबिक उसने छोटे दुकानदारों के इलेक्ट्रानिक तराजू को भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जोड़ने की तैयारी की है। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रानिक तराजू पर मूंग दाल रखने पर तराजू ना सिर्फ उसका वजन बताएगा बल्कि प्राइस भी बता देगा।
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