उन्होंने आगे कहा कि टेक दिग्गज Google को जॉइन करने की इच्छा रखने वाले केंडिडेट्स को सीखने की चाह होनी चाहिए, आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए और नई चुनौतियों के अनुसार खुद को ढालने का हुनर होना चाहिए। पिचई ने बताया कि गूगल का वर्कप्लेस कल्चर क्रिएटिविटी और इनोवेशन को बहुत प्रोत्साहित करता है। कंपनी अपने कर्मचारियों को मुफ्त खाना भी देती है। यह दरअसल कंपनी की एक रणनीति है जिससे कि कर्मचारी एक टीम की तरह साथ रहें और क्रिएटिव तरीके से सोच सकें।
सुंदर पिचई ने कंपनी में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा कि उन्हें याद है कैसे कैफे में अन्य लोगों से मिलना नए आइडिया को जन्म देता था। जून 2024 तक के आंकड़ें देखें तो कंपनी में 179,000 कर्मचारी काम करते हैं। पिचई ने बताया कि कंपनी की अपील काफी मजबूत है। कंपनी से जॉब ऑफर प्राप्त करने वाले 90 प्रतिशत केंडिडेट उसे स्वीकार कर लेते हैं।
एंट्री लेवल टेक पदों के लिए केंडिडेट्स को खुद को दूसरों से अलग दिखाना होगा। इसके लिए उन्हें न सिर्फ गूगल की कोर-वैल्यू समझनी होंगी बल्कि कंपनी के मिशन को सफलता की ओर ले जाने वाले खास कारकों की समझ भी रखनी होगी।
कंपनी के पूर्व रिक्रूटर Nolan Church ने हाल ही में बिजनेस इनसाइडर को बताया था कि किसी कैंडिडेट को किस तरह से तैयार होकर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंडिडेट को पूरी तैयारी के साथ आना चाहिए। Nolan Church के अनुसार आवेदकों को अपनी व्यावसायिक सफलताओं के बारे में व्यक्तिगत किस्से साझा करने चाहिएं। ये ऐसे किस्से हों जिनमें उनके जुनून और दृढ़ संकल्प का सबूत मिलता हो।
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