Ratan Tata Great Business Decision Idea Cheapest Car EV Starting Semiconductor TCS

देश के दिग्गज बिजनेसमैन और समाजसेवी रतन नवल टाटा (Ratan Naval Tata) अब दुनिया में नहीं रहे। उन्होंने 9 अक्टूबर, 2024 को 86 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। वह लंबे समय से बीमार थे और उनका इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। रतन टाटा का योगदान देश में सिर्फ बिजनेसमैन के तौर पर ही नहीं है बल्कि उन्होंने टेक्नोलॉजी से लेकर ऑटोमोबाइल जगत में कई ऐसे बदलाव किए हैं, जिन्हें भूल पाना बेहद मुश्किल है। यहां हम आपको कुछ ऐसी ही घटनाओं के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें किसी क्रान्ति से कम नहीं माना जा सकता।

1 लाख रुपये में Tata Nano की शुरुआत

देश में बिजनेसमैन तो बहुत रहे पर रतन टाटा जैसे दूरदर्शी कम ही रहे। उन्होंने सिर्फ कारोबार नहीं किया बल्कि लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उत्पादों को उतारा। रतन टाटा चाहते थे कि भारत में हर मध्यवर्गीय परिवार के घर एक कार हो और ऐसा करने के लिए उन्होंने 2009 में टाटा नेनो को देश की सबसे सस्ती कार के तौर पर पेश किया। 1 लाख रुपये में कार लाने वाले सिर्फ रतन टाटा ही थे। 2008 में रतन टाटा ने नैनो को पहली बार भारत में ऑटो एक्सपो में पेश किया था। हालांकि, सस्ती कार के टैग के चलते यह लोगों के बीच उतनी लोकप्रियता नहीं बना पाई, जिसके चलते 2018 में ही नैनो के प्रोडक्शन को बंद करने पड़ा। 

Tata Nexon से देश में इलेक्ट्रिक सेगमेंट में क्रान्ति लाना

Tata मोटर्स ने जनवरी, 2020 में पहली इलेक्ट्रिक कार के तौर पर Tata Nexon EV को लॉन्च किया, जिसने भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को पुश किया। और ऑटोमोबाइल कंपनियों को भारत के लिए किफायती इलेक्ट्रिक कार बनाने के लिए प्रेरित किया। लॉन्च होने से लेकर अब तक टाटा नेक्सॉन EV भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार (EV) है। टाटा नेक्सॉन EV अन्य इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में किफायती और सुरक्षित है, जिसके चलते इसे काफी पसंद किया गया।

जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण

एक समय था जब रतन टाटा मोटर्स संकट से गुजर रही थी तो रतन टाटा पैसेंजर कार यूनिट को बेचना चाहते थे, जिसके लिए वह फोर्ड के पास गए। कथित तौर पर बिल फोर्ड ने रतन टाटा से कहा कि जब उन्हें कार के बारे में कुछ जानकारी नहीं थी तो यह बिजनेस शुरू ही क्यों किया। वह इस बिजनेस को खरीद कर टाटा मोटर्स पर एहसान करेंगे। उस समय रतन टाटा ने पैसेंजर कार बिजनेस को बेचने का फैसला बदला और उसे एक फायदेमंद बिजनेस के तौर पर स्थापित किया। मगर समय बदलता है और एक समय पर फोर्ड अपने वित्तीय संकट से गुजर रहा था और उसके लिए जगुआर और लैंड रोवर जैसे दोनों ब्रांड्स को संभालना कठिन हो गया था। तब टाटा मोटर्स ने मार्च 2008 में फोर्ड मोटर से जगुआर और लैंड रोवर को खरीदा था। यह अधिग्रहण टाटा मोटर्स के लिए एक बड़ा कदम था क्योंकि इससे कंपनी ने इंटरनेशनल लग्जरी कार मार्केट में एंट्री की। यह डील करीब 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर में हुई थी।

नमक से लेकर सेमी कंडक्टर का निर्माण

टाटा ग्रुप ने हाल ही में देश में सेमीकंडक्टर के निर्माण में भी कदम रखा है। टाटा ग्रुप देश में सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक टाटा कंसल्टेंसी के साथ टाटा वनएमजी, टाटा मोटर्स, टाटा नमक, टाटा चाय, जगुआर लैंड रोवर, टाइटन, फास्ट्रैक, तनिष्क, स्टारबक्स, वोल्टास, जारा, वेस्टसाइड, कल्टफिट, टाटा एआईजी,  टाटा कैपिटल, टाटा एआईए लाइफ, टाटा प्ले और एयर इंडिया जैसे ब्रांडन्स का संचालन करता है।

 

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