बताया जा रहा है कि चैनल पर ‘एक्सआरपी’ नाम की क्रिप्टोकरेंसी का वीडियो लाइव कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के अधिकारियों की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया मामले में नहीं आई है। घटना का पता शुक्रवार की सुबह चला। जानकारी के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की आईटी टीम ने मामले से निपटने के लिए सरकारी एजेंसी NIC से मदद मांगी है।
यूट्यूब चैनलों को हैक करने का यह पहला मामला नहीं है। हैकर्स ने दुनियाभर की मशहूर हस्तियों को पहले भी टार्गेट किया है। इंस्टिट्यूशंस को निशाना बनाया गया है।
जिस क्रिप्टोकरेंसी का ऐड सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल पर दिखाया, उससे जुड़े फ्रॉड हाल के दिनों में तेजी से बढ़े हैं। अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्ष क्रिप्टोकरेंसीज से जुड़े फ्रॉड के मामलों में लगभग 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इन फ्रॉड की वजह से ट्रेडर्स को 5.6 अरब डॉलर (लगभग 47,029 करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि फाइनेंशियल फ्रॉड की कुल शिकायतों में से लगभग 10 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी थी। FBI की क्रिमिनल इनवेस्टिगेशन के डायरेक्टर, Michael Nordwall ने इस रिपोर्ट में कहा है, “इंटरनेशनल फाइनेंशियल सिस्टम में क्रिप्टोकरेंसीज की हिस्सेदारी बढ़ने के साथ ही अपराधियों ने भी इसका इस्तेमाल बढ़ाया है।”