OpenAI o1 और OpenAI o1 Mini नाम से नए AI मॉडल मार्केट में आ चुके हैं। OpenAI o1 सीरीज को कंपनी ने कठिन सवालों का जवाब देने के लिए डिजाइन किया है। इसकी खास बात इसकी रीजनिंग क्षमता है। यह लगातार सीखता रहता है और सवाल का जवाब देने से पहले सोचता है। दोनों ही AI मॉडल्स का प्रीव्यू अभी उपलब्ध है। दोनों मॉडल सिर्फ पेड वर्जन में इस्तेमाल किए जा सकेंगे।
कंपनी का कहना है कि इनका इस्तेमाल कठिन रीजनिंग प्रॉब्लम सॉल्व करने से लेकर कोडिंग तक में भी किया जा सकता है। ये नए AI मॉडल साइंस, मैथ और कोडिंग के एरिया में पिछले मॉडल्स की तुलना में कहीं ज्यादा क्षमतावान हैं।
कैसे काम करता है OpenAI o1?
OpenAI o1 रिइन्फोर्समेंट लर्निंग का इस्तेमाल करता है। यानी यह अपने ही दिए गए जवाबों से सीखता है। यह किसी भी सवाल का जवाब देने से पहले उस पर विचार करता है। यह अपनी गलतियों को सुधार भी सकता है। कंपनी के अनुसार, जब इनका टेस्ट किया गया तो इनकी परफॉर्मेंस फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के PhD स्टूडेंट्स के बराबर रही। साथ ही मैथमेटिक्स और प्रोग्रामिंग के स्टूडेंट्स से भी ये परफॉर्मेंस में बराबरी कर पाए।
OpenAI o1 समस्या को सॉल्व करने से पहले सोचता है। यह उस सवाल को छोटे छोटे टुकड़ों में बांट देता है जिससे उसे आसानी से, और बेहतर तरीके से हल किया जा सके। खासतौर पर साइंस, कोडिंग और मैथ्स के लिए इन्हें डिजाइन किया गया है। इसके साथ ही इन्हें क्वांटम ऑप्टिक्स के लिए मैथमेटिक्स फॉर्मूला जेनरेट करने में भी इस्तेमाल किया जा सकेगा।
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