Hardik-Natasa Divorce. भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) और उनकी पत्नी नताशा स्टैनकोविच ( Natasa Stankovic) का तलाक हो गया है. दोनों में तलाक के बाद बेटा अगस्त्य की परवरिश और पत्नी के गुजारा भत्ता को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें उड़ रही हैं. हालांकि, दोनों के बीच आपसी सहमति से तलाक हुआ है. लेकिन, जजमेंट, डिक्री या ऑर्डर की कॉपी के बिना देखे ही लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. वहीं, कानून के जानकारों का कहना है कि क्योंकि, दोनों सहमति से अलग हुए हैं. ऐसे में भरण-पोषण और बेटे के मेंटेनेंस के लिए रकम पहले ही निर्धारित हो गई होगी. हां, अगर दोनों में गुजारा भत्ता या मेंटेनेंस को लेकर विवाद होता तो फिर यह मामला फैमिली कोर्ट तय करता.
तलाक के बाद अमूमन यह देखा जाता है कि पति-पत्नी के बीच गुजारा भत्ता को लेकर विवाद हो जाता है. यह विषय फैमिली कोर्ट में ही सुलझाया जाता है. लेकिन, अगर कपल आपसी सहमति से तलाक लेते हैं और दोनों कोर्ट में लिखकर दे देते हैं तो जज सिग्नेचर कर देते हैं. यह भी तलाक की एक प्रक्रिया है. हालांकि, इस प्रोसेस में भी 6 महीना का वक्त लग जाता है. यही वजह है कि हार्दिक और नताशा की तलाक की आधिकारिक फैसले की खबर 18 जुलाई को आई है. यानी इन दोनों ने आपसी सहमति से छह महीने पहले ही कोर्ट में तलाक की याचिका दायर कर दी थी.
नताशा-हार्दिक के तलाक में किसको हुआ नुकसान
ऐसे में पहला सवाल उठता है कि हार्दिक पंड्या अपनी पूर्व पत्नी को गुजारा भत्ता के तौर पर कितना करोड़ रुपये दिया ये देंगे? दूसरा, बेटे का परवरिश दोनों में से किसके जिम्मे रहेगा और परवरिश का खर्चा दोनों उठाएंगे या फिर सिर्फ हार्दिक? तीसरा, क्या हार्दिक के बेटे को पुश्तैनी संपत्ति यानी दादा-दादी की सपंत्ति में हिस्सा मिलेगा या नहीं? चौथा, क्या हार्दिक के बेटे के बेटे यानी हार्दिक के पोते को तलाक के बाद हार्दिक द्वारा अर्जित संपत्ति में हिस्सा मिलेगा या नहीं? पांचवां, हार्दिक और नताशा ने हिंदू और इसाई दोनों रीति रिवाज से शादी की है. ऐसे में भरण पोषण के लिए गुजारा भत्ता किस एक्ट के तहत मिलेगा या मिला होगा?
क्या कहते हैं कानून के जानकार
सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रविशंकर कुमार हार्दिक और नताशा के तलाक के सभी पहलुओं पर न्यूज 18 हिंदी के साथ विस्तार से बातचीत करते हुए कहते हैं, ‘देखिए अगर दोनों ने आपसी सहमति से फैसला लिया है तो कोर्ट को सिर्फ ये लिखित जानकारी देनी होती है. फिर कोर्ट इस पर मुहर लगाती है. दोनों में पहले ही तय हो गया होगा कि हर महीने एक निश्चित रकम मिलेगी या फिर एक ही इतनी रकम ले लो. यानी एक ही बार में हार्दिक एक निश्चित रकम नताशा को दे दिया होगा. इसमें दोनों को जो शर्त तय हुआ होगा, उसी का पालन करना होगा. अगर वन टाइम जैसे 10, 20, 50 करोड़ या फिर 70 करोड़ रुपया नताशा ने ली है तो उसकी जानकारी और प्रमाण कोर्ट को देना होगा. फिर हार्दिक के तरफ से मामला खत्म.’
कुमार कहते हैं, ‘बच्चे का मेंटेनेंस का इंडिपेंडेंस राइट है. मां के डिवोर्स से बच्चे का कोई राइट्स खत्म नहीं होता है. बच्चे का संपत्ति राइट्स मां खत्म नहीं कर सकती. लेकिन, इसमें दो बातें आती हैं. देखिए कोई संपत्ति होती है वह दो तरह की होती है. एक पुश्तैनी और दूसरा खुद के द्वारा अर्जित की गई. जैसे हार्दिक के पिता की खेती की जमीन या कोई संपत्ति है तो हार्दिक चाहकर भी बेटे अगस्त्य को अलग नहीं कर सकते हैं. अगर मान लीजिए हार्दिक ने तलाक लेने के बाद दूसरी शादी कर ली. दूसरी शादी से अगर बच्चा होता है तो भी पहले बच्चे को दूसरी शादी से हुए बच्चे की तरह ही संपत्ति में अधिकार मिलेगा. बच्चों में पुश्तैनी संपत्ति बराबर-बराबर हिस्से में बांटा जाएगा. हां, अगर हार्दिक ने अपनी संपत्ति मां-बाप के नाम कर दी है तो भी उस संपत्ति में हार्दिक के बेटे को हक मिलने में कोई रोक नहीं सकता. लेकिन, हार्दिक अगर स्वअर्जित संपत्ति किसी और दे दे दिया है तो उसमें उसकी पत्नी का कोई हक नहीं बनेगा. हार्दिक ने अपनी स्वअर्जित संपत्ति अपने मां-बाप या भाई के नाम भी कर दिया है तो भी उसमें पत्नी की कोई हिस्सेदारी नहीं होगी.’
ये भी पढ़ें: 60, 62, 65 या 68 साल नहीं… अब इतने साल की उम्र में डॉक्टर होंगे रिटायर! दिल्ली सरकार ने बनाई यह कमेटी तो मच गया हंगामा
कुमार आगे कहते हैं, ‘देखिए., हार्दिक और नताशा दो अलग-अलग धर्मों के हैं. दोनों ने हिंदू और इसाई रीति रिवाज से शादी की. ये कोई मायने नहीं रखता. हां, हार्दिक अगर हिंदू से मुसलमान या फिर इसाई बन जाते तो फर्क पड़ता. दोनों की शादी स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत हुई है. इस लिहाज से पति ने धर्म नहीं बदला तो पत्नी पर भी वही धर्म लागू होता है. देखिए, Hindu Succession Act 1956 में क्लास वन और क्लास टू हियर में कौन सक्सीड करेगा ये साफ लिखा हुआ है. वहीं, बच्चे का नेचुरल गार्जियन जब तक बच्चा 18 साल तक है, मां ही रहेगी. बच्चे के मेंटेनेंस के लिए हर महीने हार्दिक को अलग से पैसा देना होगा. वह भी हार्दिक जिस स्टैंडर्ड में रहेंगे उसी स्टैंडर्ड के मुताबिक उनका बच्चा भी रहेगा.’
हार्दिक और नताशा को लेकर तरह-तरह की बातें उठ रही हैं, लेकिन हकीकत में किसी के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. कहा जा रहा है कि हार्दिक की स्व-अर्जित संपत्ति तकरीबन 100-150 करोड़ रुपये है. इसमें 91 करोड़ की प्रॉपर्टी में उनकी मां-बाप और भाई की हिस्सेदारी है. हार्दिक ने यह संपत्ति छह महीने पहले ही मां और भाई के नाम किया है. ऐसे में नताशा का इस संपत्ति पर एक पैसे का भी अधिकार न है और न रहेगा. क्योंकि यह हार्दिक की स्व-अर्जित संपत्ति है. ऐसे में हार्दिक ने बड़ी चालाकी से अपनी स्व-अर्जित संपत्ति के बड़े हिस्से में पत्नी को न देकर बेटे को दे दिया. ऐसे में हार्दिक पंड्या का बेटा जब हार्दिक के उम्र का होगा तो अरबपति बन सकता है. क्योंकि, मां, बाप के साथ-साथ दादा-दादी की पुश्तैनी संपत्ति पर भी उसका अधिकार हो जाएगा.
Tags: Hardik Pandya, Natasa Stankovic, Supreme Court
FIRST PUBLISHED : July 19, 2024, 17:54 IST