21 साल, 188 टेस्ट, 704 विकेट, और 109 साथी खिलाड़ियों के साथ खेलना. आसमान सी ऊंचाई वाले ये रिकॉर्ड किसी और के नहीं बल्कि इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन के हैं जिन्होंने वेस्टइंडीज पर जीत के साथ ही क्रिकेट की पिच को गुडबॉय बोल दिया.
आज से 17 साल पहले मई 2003 में इंग्लैंड की टीम में एक युवा तेज आया उस टीम में मैथ्यू होगार्ड और स्टीव हार्मिसन जैसे धाकड़ गेंदबाजों की फौज थी. इन सबके बीच आसान नहीं था अपने लिए जगह बनाना, लेकिन एंडरसन ने अपने पहले मैच से ही इरादे जाहिर कर दिए और डेब्यू मैच में जिम्बाब्वे की टीम को पानी पिला दिया और मैच की पहली पारी में पांच विकेट झटक लिए. हालांकि दूसरी पारी में जेम्स एंडरसन को कोई सफलता नहीं मिली, लेकिन दुनिया आने वाले तूफान को जान गई थी.
अभी करियर शुरू ही हुआ था कि एंडरसन को फिटनेस संबंधी समस्याओं ने घेर लिया, जिससे एंडरसन इंग्लैंड की 2005 की फेमस एशेज सीरीज का हिस्सा नहीं बन पाए. अब लगा कि शायद ये धुरंधर अब वापस नहीं लौटेगा, लेकिन टाइगर अभी जिंदा था और एंडरसन ने एक बार फिर से 2007-2008 के न्यूजीलैंड दौरे में वापसी की और इस दौर में उन्हें साथ मिला अपने सबसे पसंदीदा जोड़ीदार स्टुअर्ट ब्राड का. और स्टुअर्ट ब्राड और जेम्स एंडरसन जोड़ी के रूप में कितनी विध्वंसक रही ये बताने की जरूरत नहीं है लेकिन स्टुअर्ट ब्राड का जिक्र फिर कभी. अभी वापस आते हैं एंडरसन पर उसके बाद तो इन्होंने अपनी स्विंग का ऐसा जलवा दिखाया कि एक के बाद एक रिकॉर्ड खुद उनके करीब आते गए. जेम्स एंडरसन ने अंगद की तरह अपने पैर जमा लिए और हर वो रिकॉर्ड अपने नाम लिख दिया जिसके वो हकदार थे. इंग्लैंड की टीम में कई तेज गेंदबाज आए गए लेकिन एंडरसन दूसरे एंड से अपना किरदार बखूबी निभाते रहे, जो जिम्मेदारी दी उसे पूरी शिद्दत से निभाते चले गए.
वर्ल्ड क्रिकेट में जेम्स एंडरसन महाभारत के अर्जुन की याद दिलाते हैं. जिस तरह से अर्जुन की आंख हमेशा लक्ष्य पर होती थी ठीक उसी तरह से एंडरसन की नजरें गेंद को स्विंग कराने पर होती थी. साधारण एक्शन और औसत गति लेकिन स्विंग ऐसी मानो पिच भी शर्मा भी जाए.
जेम्स एंडरसन ने टेस्ट क्रिकेट में 704 विकेट लिए.
आसान नहीं होता एक तेज गेंदबाज के लिए 21 साल तक क्रिकेट की पिच पर टिके रहना. जिस समर्पण और तप के साथ एंडरसन ने अपने आप को तराशा, ऐसी मिसाल वर्ल्ड क्रिकेट में बहुत खिलाड़ियों की मिलती है. इसमें कोई शक नहीं कि जेम्स एंडरसन की जाने से इंग्लैंड की टीम में एक खालीपन आ जाएगा लेकिन इसी का नाम है खेल है.
डेल स्टेन को हमेशा से जेम्स एंडसरन से बड़ा गेंदबाज माना गया लेकिन स्टेन अपनी फिटनेस को कायम रखने में नाकाम साबित हुए. वहीं एंडरसन ने अपनी धैर्य और कुशलता से उम्र को हरा दिया. 41 साल की उम्र में भी एंडरसन में वो जज्बा कायम है जो 2003 में लॉर्डस में उस दिन जिम्बाब्वे के खिलाफ दिखा था. जेम्स एंडरसन के पास ना तो स्टेन जैसी स्पीड थी ना ही मैक्ग्रा जैसी लाइन लेंथ लेकिन फिर भी एंडरसन बाकी गेंदबाजों से अलग रहे. स्विंग एंडरसन का सबसे बड़ा रहा हथियार जिसके दम पर एंडरसन ने ना जाने कितने शिकार किए. सही मायनों में जेम्स एंडरसन स्विंग के वो सुल्तान रहे जिसके आगे रनभूमि का हर योद्धा नतमस्तक है.
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 18:46 IST