मामा रहे भारतीय टीम के कप्‍तान, भांजा भारत में जन्‍मा पर पाकिस्‍तान के लिए खेला, कप्तानी भी की

नई दिल्‍ली. सियासी कारणों से भारत और पाकिस्‍तान के रिश्‍ते भले ही तल्‍ख हों लेकिन इन दोनों मुल्क के लोगों के बीच दिली और खून का रिश्‍ता है. दोनों ही देशों में ऐसे लोगों की संख्‍या अच्‍छी खासी है जिनकी रिश्‍तेदारी पड़ोसी मुल्‍क में है. वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के दौरान ऐसे मामले सामने आए जब एक भाई तो भारत में रहा लेकिन दूसरे भाई ने नए मुल्‍क पाकिस्‍तान में रहने का विकल्‍प चुना. क्रिकेट में भी कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं जो बंटवारे के पहले भारत की ओर से खेले और फिर पाकिस्‍तान चले गए और वहां की राष्‍ट्रीय टीम की ओर से क्रिकेट खेला. इन प्‍लेयर्स में अब्‍दुल हफीज कारदार, गुल मोहम्‍मद और अमीर इलाही शामिल हैं.

इन मामलों से अलग एक खिलाड़ी ऐसा है जो भारत के हैदराबाद शहर में जन्‍मा. देश की आजादी के बाद भी यह भारत में रहा और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया. यहां तक कि 1961 में भारत दौरे पर आई पाकिस्‍तान की टीम के खिलाफ इसने साउथ जोन की ओर से खेलते हुए 6 विकेट भी लिए. रणजी ट्रॉफी में भी यह खिलाड़ी मीडियम पेसर की हैसियत से खेला. बाद में इसने पाकिस्‍तान की ओर से क्रिकेट खेलने का फैसला किया और टीम का कप्‍तान भी बना. हम यहां बात कर रहे हैं आसिफ इकबाल (Asif Iqbal) की, जो पाकिस्‍तान टीम (Pakistan cricket team) के कप्‍तान की हैसियत से 1979-80 में भारत का दौरा भी कर चुके हैं.

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भारत के पूर्व कप्‍तान गुलाम अहमद के भांजे हैं आसिफ
आसिफ इकबाल रिजवी ने अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत मध्‍यम गति के बॉलर के रूप में की लेकिन बाद में बैटर के तौर पर खुद को स्‍थापित कर लिया. अपनी बैटिंग शैली और लुक के कारण उन्‍होंने काफी लोकप्रियता हासिल की. आसिफ का जन्‍म 6 जून 1943 को अविभाजित आंध्रप्रदेश के हैदराबाद शहर में हुआ. क्रिकेट का खेल उन्‍हें एक तरह से विरासत में मिला. उनके मामा गुलाम अहमद ऑफ स्पिनर की हैसियत से न सिर्फ भारत के लिए खेले बल्कि उन्‍होंने तीन टेस्‍ट में भारतीय टीम की कप्‍तानी भी की. जन्‍म के कुछ माह बाद ही आसिफ के पिता का निधन हो गया और मामा की देखरेख में उनकी परवरिश हुई. मामा गुलाम अहमद से ही आसिफ इकबाल ने क्रिकेट की बारीकियां सीखीं.

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भारत दौरे पर आई पाक टीम के खिलाफ लिए थे 6 विकेट
आसिफ को बचपन में बैटिंग की बजाय बॉलिंग करना ज्‍यादा पसंद था. अपने खेल कौशल के कारण जल्‍द ही वे ऊंचाई छूते गए. 1960-61 में जब पाकिस्‍तान की टीम भारत के दौरे पर आई थी तो आसिफ ने एक टूर मैच में साउथ जोन की ओर से खेलते हुए इसके खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. जनवरी 1961 में खेले गए इस मैच में उन्‍होंने पाकिस्‍तान के खिलाफ पहली पारी में 52 रन देकर 4 विकेट और दूसरी पारी में 57 रन देकर दो विकेट लिए थे. हैदराबाद की उस्‍मानिया यूनिवर्सिटी से पढ़े आसिफ ने करियर की शुरुआत ऐसे बॉलर के तौर पर की थी जो थोड़ी बहुत बैटिंग भी कर लेता था. छरहरे आसिफ अपनी गेंदों को स्विंग कराने में सफल होते थे. इस समय तक उनका सपना भारत की ओर से क्रिकेट खेलने का था.

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पाकिस्‍तान में हुए शिफ्ट हुए, ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ टेस्‍ट डेब्यू
हालांकि जल्‍द ही उनके परिवार ने कराची शिफ्ट होने का फैसला लिया. अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से उन्‍होंने पाकिस्‍तानी सिलेक्‍टर का ध्‍यान आकर्षित किया और इसका इनाम जल्‍द ही टेस्‍ट टीम में प्रवेश के  रूप में मिला. अक्‍टूबर 1964 में आसिफ इकबाल ने कराची में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्‍ट खेला. उन्‍होंने बॉलिंग की शुरुआत की और नंबर 10 पर बैटिंग के लिए उतरे. डेब्‍यू मैच में दो विकेट लेने के साथ ही पहली पारी में 41 और दूसरी पारी में 36 रन बनाए. पहले टेस्‍ट के इस प्रदर्शन ने आसिफ को बैटिंग में सुधार के लिए प्रेरित किया. बाद में पीठ में तकलीफ के कारण उन्‍हें बॉलिंग करना कम कर दिया और खालिस बैटर के तौर पर ही खेले. काउंटी क्रिकेट में खेलकर उन्‍होंने अपनी बैटिंग को बेहतर बनाया.

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इंग्‍लैंड के खिलाफ 1967 में जमाया पहला टेस्‍ट शतक
बैटिंग में की गई यह मेहनत रंग लाई और आसिफ ने 1967 में ओवल में अपना पहला टेस्‍ट शतक लगाया. इस शतकीय पारी ने बैटर के तौर पर उन्‍हें नई पहचान दी. मैच में आसिफ ने विपरीत परिस्थितियों में 146 रन की पारी खेली और नौवें विकेट के लिए इंतिखाब आलम के साथ 190 रन की साझेदारी की. हालांकि  मैच में पाकिस्‍तान को हार का सामना करना पड़ा लेकिन आसिफ की शतकीय पारी के कारण इंग्‍लैंड पारी के अंतर से जीत हासिल नहीं कर पाया. क्रिकेट के बढ़ती शोहरत के बीच उन्‍हें 1968 में ‘विज्‍डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर’ घोषित किया.

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पाकिस्‍तान की विदेश में पहली सीरीज जीत में चमके
1972-73 में पाकिस्‍तान ने विदेशी मैदान पर न्‍यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली सीरीज जीत दर्ज की तो इसमें आसिफ का बैट से अहम योगदान था. डुनेडिन के दूसरे टेस्‍ट में उन्‍होंने 175 रनों की पारी खेली थी और चौथे विकेट के लिए मुश्‍ताक मोहम्‍मद के साथ 350 रन जोड़े. पाकिस्‍तान टीम ने यह मैच पारी के अंतर से जीता था. 1975 और 1979 के वर्ल्‍डकप में वे पाकिस्‍तान टीम के कप्‍तान भी रहे. आसिफ के इंटरनेशनल क्रिकेट के दौर में पाकिस्‍तान टीम में माजिद खान, जहीर अब्‍बास और जावेद मियांदाद जैसे बेहतरीन बैटर थे. इस कारण बैट से उनके प्रदर्शन को ज्‍यादा चर्चा हासिल नहीं हो सकी. हालांकि पाकिस्‍तान की ओर से कई बेहतरीन प्रदर्शन आसिफ के नाम पर दर्ज हैं. बेहतरीन फील्‍डर आसिफ को कवर ड्राइव लगाने में महारत हासिल थी. कैरी पैकर की वर्ल्‍ड क्रिकेट सीरीज का भी वे हिस्‍सा रहे.

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भारत के खिलाफ सीरीज हारने पर लगे थे ‘फिक्सिंग’ के आरोप
आसिफ इकबाल की कप्‍तानी में वर्ष 1978-79 में पाकिस्‍तान टीम ने भारत का दौरा किया. यह वही दौर था जब भारत के ऑलराउंडर कपिल देव का प्रदर्शन (32 विकेट और 278 रन) शबाव पर था. 6 टेस्‍ट की इस सीरीज में हालांकि आसिफ ने 267 रन बनाए लेकिन पाकिस्‍तान टीम (IND Vs PAK) को 0-2 की हार का सामना करना पड़ा. भारत के खिलाफ सीरीज हारने पर पाकिस्‍तान में बवाल उठना ही था और यही हुआ. आसिफ इकबाल पर भारत के साथ मिलकर मैच फिक्‍स करने का आरोप लगा. इस सीरीज के तहत फरवरी 1980 में ईडन गॉर्डंस पर खेला गया टेस्‍ट आसिफ के करियर का आखिरी इंटरनेशनल मैच रहा. 16 साल के इंटरनेशनल करियर में आसिफ इकबाल ने 58 टेस्‍ट और 10 वनडे खेले. टेस्‍ट क्रिकेट में 38.85 के औसत से 3575 रन (11 शतक) और 53 विकेट उनके नाम पर दर्ज हैं. 10 वनडे में 55.00 के औसत से 330 रन बनाने के अलावा 16 विकेट भी उन्‍होंने लिए.

क्रिकेट से संन्‍यास लेने के बाद आसिफ ने अब्‍दुर रहमान बुखातिर के साथ काम करके शारजाह को क्रिकेट वेन्‍यू के तौर पर स्‍थापित करने में अहम योगदान दिया. आईसीसी के मैच रैफरी के तौर पर भी सेवा दे चुके आसिफ अब लंदन में सेटल हो चुके हैं और परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं.

Tags: India Vs Pakistan, Pakistan cricket, Pakistan cricket team, Test cricket

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