दिग्गज ओपनर; जो 2 बार 10वें नंबर पर आउट हुआ, 3 बार रहा नाबाद, डेब्यू से पहले गांगुली को दिए थे टिप्‍स

नई दिल्‍ली. क्रिकेट में पारी की शुरुआत करके किसी बैटर का आखिर तक नाबाद रहना (Carry the bat) काफी मुश्किल काम है. टेस्‍ट क्रिकेट के 147 साल के इतिहास में करीब 50 बैटर ही ऐसा कर पाए हैं. सुनील गावस्‍कर, मुदस्‍सर नजर, माइक एथरटन और मार्क टेलर जैसे बैटर विकेट पर सेट होने के बाद लंबी पारी खेलने के लिए मशहूर थे लेकिन यह चारों भी एक-एक बार ही ऐसा कर पाए हैं. रेड बॉल क्रिकेट में अब तक दो बैटर पारी की शुरुआत करके 3 बार नॉटआउट रहते हुए पवेलियन लौटे हैं. सबसे पहले वेस्‍टइंडीज के ओपनर डेसमंड हेंस (Desmond Haynes) ने ऐसा किया था.

यही नहीं, इसके अलावा हेंस एक टेस्‍ट की दोनों पारियों में ओपनर के तौर पर उतरकर आखिरी यानी 10वें नंबर के तौर पर आउट हुए थे. यदि इन दोनों या किसी एक पारी में भी वे नाबाद लौटते तो 3 से अधिक बार यह रिकॉर्ड उनके नाम पर होता. टेस्‍ट में 3 बार ‘कैरी द बैट’ के हेंस के रिकॉर्ड की बाद में दक्षिण अफ्रीका के डीन  एल्‍गर (Dean Elgar) ने बराबरी की थी. संयोगवश इन दोनों ही बैटर्स के नाम अंग्रेजी के लेटर ‘D’ से प्रारंभ होते हैं.

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हेंस ने दो बार पाकिस्‍तान के खिलाफ किया था यह कमाल

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वेस्‍टइंडीज के बेहतरीन बैटर्स में से एक डेसमंड हेंस ने सबसे पहले नवंबर 1986 के कराची टेस्‍ट में पाकिस्‍तान के खिलाफ ‘कैरी द बैट’ की उपलब्धि हासिल की थी. मैच की दूसरी पारी में गॉर्डन ग्रीनिज के साथ पारी की शुरुआत करते हुए वे 88 रन पर नाबाद रहे थे, इस दौरान पूरी कैरेबियन टीम 211 रन पर आउट हो गई थी. इस दौरान हेंस ने 289 गेंदों का सामना करते हुए 4 चौके लगाए थे.

अगस्‍त 1991 में इंग्‍लैंड के खिलाफ लीड्स टेस्‍ट में ओपनर हेंस फिर नाबाद रहकर पवेलियन लौटे. इंडीज टीम की पहली पारी 176 रन पर ढेर हो गई थी और फिल सिमंस के साथ ओपनिंग करने वाले हेंस 75 रन (198 गेंद, 8 चौके) पर नाबाद रहे थे. तीसरी और आखिरी बार वे अप्रैल 1993 के पोर्ट ऑफ स्‍पेन टेस्‍ट में पाकिस्‍तान के खिलाफ पारी की शुरुआत करके नाबाद रहे. टेस्‍ट की दूसरी पारी में इंडीज टीम 382 रनों पर आउट हुई थी, इसमें हेंस पारी की शुरुआत करके 288 गेंदों पर 20 चौके व एक छक्‍के की मदद से 143 रन बनाकर नाबाद रहे थे.

एक टेस्‍ट की दोनों पारियों में आखिरी बैटर के तौर पर हुए थे आउट
टेस्‍ट में ओपनिंग करके 3 बार नाबाद रहे हेंस 1980 में न्‍यूजीलैंड के खिलाफ डुनेडिन टेस्‍ट की दोनों पारियों में 10वें नंबर पर आउट हुए थे. हेंस पहली पारी में 208 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 55 रन बनाने के बाद आखिरी बैटर के तौर पर लांस केर्न्‍स के शिकार बने थे. उनके आउट होने के साथ ही इंडीज की पहली पारी 140 पर खत्‍म हो गई थी. इंडीज की दूसरी पारी में आखिरी बैटर के तौर पर हेंस को बाएं हाथ के तेज गेंदबाज गेरी ट्रुप ने आउट किया था. दूसरी पारी में वेस्‍टइंडीज टीम के 212 रनों में हेंस ने 105 रनों (323 गेंद, 6 चौके) का योगदान दिया था. आखिर तक रोमांचक रहे इस टेस्‍ट को न्‍यूजीलैंड ने एक विकेट से जीता था.

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डेब्‍यू टेस्‍ट सीरीज में सौरव गांगुली को दिए थे उपयोगी टिप्‍स
सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने 1996 में भारतीय टीम के इंग्‍लैंड दौरे के अपने शुरुआती दोनों टेस्‍ट में शतक जड़कर शानदार आगाज किया था. गांगुली की इस कामयाबी में हेंस की टिप्‍स भी मददगार बनी थीं. इंटरनेशनल क्रिकेट से रिटायर होने के बाद हेंस उस समय काउंटी टीम ससेक्‍स के कोच थे. सौरव जब इंग्‍लैंड के विकेट पर अच्‍छे स्‍कोर के लिए सलाह लेने गए थे तो हेंस ने उन्‍हें फ्रंटफुट पर खेलने की सलाह दी थी. साथ ही कहा था कि बैटर के तौर पर आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑफ स्‍टंप कहां है ताकि इस स्‍टंप के बाहर की गेंद को छोड़ पाएं.

इसके साथ ही हेंस ने सौरव को मैच के पहले मनोस्थिति पॉजिटिव रखने की सलाह दी थी. वेस्‍टइंडीज के पूर्व बैटर ने कहा था कि अपने 20 साल के इंटरनेशनल करियर के अनुभव से मैं आपको यही सलाह देता हूं कि अपनी काबलियत पर हमेशा यकीन रखो. यह भरोसा रखिए कि आप सफल होंगे. अपना अनुभव बताते हुए हेंस ने कहा था कि मैच के पहले की रात, बेड पर जाते हुए जब मैं यह सोचता था कि मैं शतक बनाने जा रहा हूं तो 80 फीसदी से ज्‍यादा मौके पर ठीक ऐसा ही होता था. जिंदगी में यह बात हमेशा याद रखिए कि आप वहीं बनते हैं जैसा कि आप विश्‍वास करते हैं. गांगुली के लिए यह सलाह कारगर रही थीं.

पहले और आखिरी वनडे में शतक बनाया था
टेस्‍ट के अलावा हेंस वनडे के भी बेहतरीन बैटर रहे. 22 फरवरी 1978 को हेंस ने ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ सेंट जोंस में वनडे डेब्‍यू किया और पहले ही मैच में 16 चौकों व दो छक्‍कों की मदद से 148 रन बनाकर छाप छोड़ी. 5 मार्च 1994 को उन्‍होंने पोर्ट ऑफ स्‍पेन में आखिरी वनडे खेला. इंग्‍लैंड के खिलाफ इस मैच में उन्‍होंने 14 चौकों की मदद से 115 रन बनाए. अपने डेब्‍यू और आखिरी, दोनों ही वनडे में उनका इंडीज की जीत में अहम योगदान रहा और वे प्‍लेयर ऑफ द मैच बने थे. वनडे में सर्वाधिक रन और सर्वाधिक शतक बनाने का रिकॉर्ड एक समय हेंस के ही नाम था, बाद में भारत के अजहरुद्दीन ने रनों और सचिन तेंदुलकर ने शतकों के इस रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था. 116 टेस्‍ट में 18 शतक की मदद से 7 हजार 487 रन बनाने वाले हेंस ने 238 वनडे में 17 शतकों की मदद से 8 हजार 648 रन बनाए.

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हेंस के रिकॉर्ड की 2018 में एल्‍गर ने की थी बराबरी
पारी की शुरुआत करके तीन बार नाबाद पवेलियन लौटने के हेंस के रिकॉर्ड की बराबरी बाद में दक्षिण अफ्रीका के डीन एल्‍गर ने की. वे दिसंबर 2015 में इंग्‍लैंड के खिलाफ डरबन टेस्‍ट में पारी की शुरुआत करते हुए 118 रन बनाकर नाबाद रहे थे. इसी तरह भारत के खिलाफ जनवरी 2018 के जोहानिसबर्ग (86*) और मार्च 2018 में ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ केपटाउन टेस्‍ट में भी एल्‍गर पारी की शुरुआत करके आखिर तक 141 रन पर नाबाद रहते हुए पवेलियन लौटे थे.

Tags: Dean Elgar, Test cricket, West Indies Cricket Team

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