नई दिल्ली. बांग्लादेश को पहली पारी में 149 रन पर ढेर करने में पेसर जसप्रीत बुमराह का अहम रोल रहा. चेन्नई टेस्ट मैच के दूसरे दिन बुमराह ने अपनी घातक गेंदबाजी से बांग्लादेश के 4 विकेट चटकाए. चेन्नई की चेपॉक के विकेट से बुमराह को मदद नहीं मिल रहा था, फिर भी उन्होंने एक के बाद एक विकेट लेने में सफलता पाई. दिन के खेल के बाद बुमराह ने बताया कि पिच से मदद नहीं मिलने के बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खेलते समय अपनाई रणनीति का सहारा लिया. जो आखिर में कारगर साबित हुई.
जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) ने विकेट से मदद नहीं मिलने के बावजूद बांग्लादेश (IND vs BAN) की पहली पारी में 50 रन देकर 4 विकेट लिए. दुनिया के सबसे खतरनाक तेज गेंदबाजों में शुमार बुमराह ने कहा, ‘मेरे पास इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था. क्योंकि जब मैं लेंथ पर गेंद कर रहा था तो उससे कोई फायदा नहीं हो रहा था. इसके अलावा गेंद रिवर्स भी नहीं हो रही थी.’ चेन्नई टेस्ट में दो दिन का खेल हो चुका है जहां तेज गेंदबाजों का बोलबाला देखने को मिला. दूसरे दिन कुल 17 विकेट गिरे. चेपॉक में यह एक दिन में गिरने वाला सर्वाधिक विकेट है.
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बुमराह के इंटरनेशनल क्रिकेट में 400 विकेट पूरे
चेपॉक में अभी तक जितने भी टेस्ट मैच हुए थे उनमें एक दिन में सबसे ज्यादा विकेट 15 गिरे थे. लेकिन भारत बनाम बांग्लादेश टेस्ट मैच में यह रिकॉर्ड टूट चुका है. तब 1979 में भारत वर्सेस विंडीज के बीच खेले गए टेस्ट के तीसरे दिन इतने विकेट गिरे थे. बुमराह ने इस दौरान इंटरनेशनल क्रिकेट में अपने 400 विकेट भी पूरे कर लिए. यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह 10वें भारतीय गेंदबाज बने.
‘घरेलू क्रिकेट वाली रणनीति अपनाई’
बुमराह ने कहा, ‘इसलिए मुझे कुछ नया करने की जरूरत थी. जब विकेट से मदद नहीं मिल रही हो फिर एक गेंदबाज के रूप में आपको कुछ प्रयोग करने पड़ते हैं. इसलिए मैंने उन रणनीति को आजमाया जिनका उपयोग में घरेलू क्रिकेट में खेलते समय करता था. आज यह रणनीति कारगर साबित हुई और इस प्रयोग से मुझे मदद मिली.’
Tags: India vs Bangladesh, Jasprit Bumrah
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 23:47 IST