जब हिंदुओं पर अत्याचार, तब कैसे हो रहा खेल… दादा की राह पर पोता; आदित्य ठाकरे ने उठाए भारत-बांग्लादेश सीरीज पर सवाल

भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से चेन्नई में टेस्ट मैच खेला जाना है. सारी तैयारियां हो चुकी हैं. दोनों टीमें चेन्नई में हैं और मैच शुरू होने के इंतजार में हैं. इस बीच, टेस्ट मैच के आयोजन पर ही सवाल पैदा हो गया है. शिव सेना (उद्धव गुट) के नेता आदित्य ठाकरे ने अपने दादा बाल ठाकरे की तर्ज पर क्रिकेट मैच पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का हवाला देकर विदेश मंत्रालय से सवाल भी पूछे हैं.

आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मंगलवार रात लंबा-चौड़ा पोस्ट किया. पूरा पोस्ट भारत-बांग्लादेश क्रिकेट सीरीज को लेकर है. आदित्य ठाकरे की इस पोस्ट को उनके दादा बाल ठाकरे की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. सब जानते हैं कि बाल ठाकरे की अगुवाई वाली शिव सेना भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैचों का विरोध करती थी. कुछ मौकों पर तो शिवसैनिकों ने भारत-पाक मैच से पहले पिच भी खोद दी थी. क्या आदित्य ठाकरे उसी रास्ते पर हैं. यह जानने से पहले यह जान लेते हैं कि उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा क्या है.

बीसीसीआई पर नरमी क्यों बरत रही सरकार
आदित्य ठाकरे अपनी पोस्ट में लिखते हैं, ‘ तो बांग्लादेश क्रिकेट टीम भारत दौरे पर है. कुछ मीडिया और सोशल मीडिया से हमें पता चला है कि बांग्लादेश में पिछले 2 महीने में हिंदुओं को हिंसा का सामना करना पड़ा है. मैं विदेश मंत्रालय से बस यह पूछना चाहता हूं कि क्या यह सही है. अगर हां, और हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों को वहां हिंसा का सामना करना पड़ा है तो फिर भाजपा की अगुवाई वाली भारत सरकार, बीसीसीआई पर इतनी नरमी क्यों बरत रही है और दौरे की अनुमति क्यों दे रही है? अगर नहीं, तो क्या बांग्लादेश में हिंसा के बारे में सोशल मीडिया और मीडिया में लगातार आ रही खबरों से विदेश मंत्रालय सहमत है?’

क्या यह चुनावी प्रपोगंडा भर है… 
आदित्य ठाकरे आगे लिखते हैं, ‘ट्रोल्स बांग्लादेश में हिंसा के बहाने भारतीयों के बीच नफरत फैला रहे हैं. जबकि, बीसीसीआई उसी बांग्लादेशी टीम की मेजबानी कर रहा है. मैं हैरान हूं कि जो लोग इस हिंसा के खिलाफ सक्रिय रूप से अभियान चला रहे हैं, वे बीसीसीआई से सवाल क्यों नहीं पूछ रहे हैं. या यह केवल भारत में नफरत पैदा करने की कोशिश और चुनावी प्रपोगंडा भर है?’

आदित्य ठाकरे की पोस्ट से स्पष्ट है कि उन्होंने भारत-बांग्लादेश सीरीज पर सिर्फ सवाल उठाए हैं. उन्होंने जिस अंदाज में सवाल पूछे हैं, उससे गेंद अब केंद्र सरकार और भाजपा के पाले में है. केंद्र सरकार या भाजपा शायद ही इसका जवाब दें. इसकी वजह भी है. बाल ठाकरे जब भारत-पाकिस्तान सीरीज पर सवाल उठाते थे तो उसकी वजह पड़ोसी देश का आतंकवादियों को समर्थन देना था और जिस कारण भारतीय नागरिकों को जब-तब जान गंवानी पड़ती थी. जबकि, बांग्लादेश में अभी भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन भारत से उसके संबंधों पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है. भारत और बांग्लादेश के संबंध कमोबेश आज भी वैसे हैं, जैसे दो महीने या दो साल पहले थे. बांग्लादेश में बवाल के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना अपने देश से भागकर भारत आ गई थीं. वे आज भी भारत में हैं. इसलिए ऐसी कोई वजह नहीं दिखती कि भारत-बांग्लादेश सीरीज पर संकट हो. भारत और बांग्लादेश की सीरीज तय कार्यक्रम के अनुसार ही होगी. हां, आदित्य ठाकरे इसके बहाने राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश आगे भी कर सकते हैं.

Tags: Aditya thackeray, Bangladesh, BCCI Cricket, India vs Bangladesh

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