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भारत में मधुमेह के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए, इस बीमारी के प्रबंधन के लिए सबसे पहले जिस फल की ओर हमारा ध्यान जाता है, वह है जामुन. फल के अलावा, इसके बीजों से बने पाउडर का उपयोग भी मधुमेह कंट्रोल के लिए किया जाता है. जामुन से होम्योपैथिक दवा भी बनाई जाती है. जामुन का पेड़ लगाने के बाद 50 से 60 साल तक फल देता है. औषधीय गुणों के अलावा, जामुन का फल भी लोग बहुत पसंद करते हैं. इनका उपयोग जैम, जैली, वाइन और शर्बत बनाने में किया जाता है.