3 महीनों के अंदर खुद ही बनने लगेगा इंसुलिन, वैज्ञानिकों ने डायबिटीज को मात देने के लिए बनाई नई दवा, बीमारी होगी जड़ से खत्म

New Drugs for Diabetes: वैज्ञानिकों ने ऐसी ड्रग थेरेपी इजाद की है जिसकी बदौलत डायबिटीज को जड़ से खत्म की जा सकती है. साइंस ट्रांसलेशन मेडिसीन जर्नल के मुताबिक यह क्रांतिकारी ड्रग थेरेपी पैंक्रियाज में बीटा सेल्स को सक्रिय कर इंसुलिन के प्रोडक्शन को 700 प्रतिशत तक बढ़ सकता है. अब तक यह माना जाता है कि डायबिटीज को रिवर्स नहीं किया जा सकता है लेकिन नई रिसर्च के मुताबिक इस थेरेपी से डायबिटीज को रिवर्स किया जा सरता है. चूहों पर इसका प्रयोग शत प्रतिशत तक सफल रहा है. अगर इंसानों पर यह सफल रहा है तो निश्चित रूप से करोड़ों लोगों के लिए यह संजीवनी से कम नहीं होगी.

बीटा सेल्स के खराब होने से डायबिटीज
दरअसल, अगर पैंक्रियाज हेल्दी हो तो इसमें से बीटा सेल्स इंसुलिन का सही से उत्पादन करते हैं. लेकिन अगर बीटा सेल्स खराब हो जाता है तो इससे इंसुलिन का प्रोडक्शन कम हो जाता है. आमतौर पर बीटा सेल्स डैमेज हो जाता है या काम नहीं करता. यही कारण जिन लोगों को खतरनाक किस्म वाली डायबिटीज की बीमारी है, उन्हें रोजाना इंसुलिन लेना पड़ता है. विगत कई सालों से बीटा सेल्स को सक्रिय करने के लिए रिसर्च हो रही है. कुछ रिसर्च में स्टेम सेल्स को पुनः विकसित कर बीटा सेल्स को सक्रिय करने की तकनीकी पर काम हो रहा है. हालांकि ये सब अब तक हकीकत नहीं बन पाया है. अब न्यूयॉर्क के माउंड सिनाई और सिटी ऑफ होप के वैज्ञानिकों ने ड्रग थेरेपी के माध्यम से बीटा सेल्स को सक्रिय करने की विधि का चूहों पर सफल प्रयोग किया है.

बीटा सेल्स में 700 प्रतिशत की वृद्धि

नई स्टडी में दवा के माध्यम से शरीर के अंदर खुद ही बीटा सेल्स बनने लगेंगे. इसके बाद तीन महीनों के अंदर इंसुलिन का पर्याप्त प्रोडक्शन होने लगेगा. रिपोर्ट के मुताबिक इस थेरेपी में दो दवाइयां हैं-हारमाइन harmine जो कुछ पौंधों में पाया जाने वाला नेचुरल कंपाउड है और दूसरी दवा है GLP1 रिसेप्टर यह वजन कम करने वाली ओजेंपिक दवाइयां है. हारमाइन बीटा सेल्स में DYRK1A एंजाइम को शिथिल बना देता है. यही एंजाइम इंसुलिन के प्रोडक्शन को रोक देता है. इस थेरेपी को टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित चूहों पर सफल प्रयोग किया गया है. वैज्ञानिकों ने इंसान के खराब बीटा सेल्स का चूहे में प्रत्योरोपन किया इसके बाद इस थेरेपी से इसे टीक किया गया है. अध्ययन में पाया गया कि तीन महीनों के अंदर बीटा सेल्स में 700 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई.

FIRST PUBLISHED : July 16, 2024, 13:15 IST

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