बर्ड फ्लू से बचना है तो मुर्गियों की देखभाल ऐसे करें, वरना बारिश में हो सकती हैं और भी कई गंभीर बीमारी

बेगूसराय. बारिश का मौसम पशुओं के लिए बहुत नाजुक होता है. नमी में बैक्टीरिया और वायरस के संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. मुर्गियों में बर्ड फ्लू जैसी बीमारी भी फैल सकती है. इसलिए मॉनसून के इस मौसम में मुर्गियों की देखभाल में बहुत एहतियात बरतना पड़ता है.

मुर्गी पालक किसान अगर बरसात के मौसम में भी कम लागत में बेहतर मुनाफा कमाना चाहते हैं तो प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना होगा. जरा सी लापरवाही में भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. हर साल ये समस्या आती है. बरसात में मुर्गी पालक किसान ठीक से उनकी देखभाल नहीं कर पाते हैं और नतीजा भयावह रहता है. हालात ये हो गए हैं कि बिहार झारखंड में किसान मुर्गी पालन न के बराबर करते हैं.

बरसात के मौसम में जलभराव के कारण कीचड़ और कचरा हो जाता है. इसकी दुर्गंध और संड़ांध से मुर्गियों में कई तरह के रोग पनपते हैं. इसलिए ऐसे हालात से बचने के उपाय कृषि विज्ञान केंद्र खोदावंदपुर के पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विपिन बता रहे हैं.

बरसात में रखें ये सावधानी
पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विपिन कुमार ने बताया मुर्गी पालन के दौरान मुख्य रूप से हाउस मैनेजमेंट पर ध्यान देना होता है. किसान अपने मुर्गी फार्म को जमीन से तीन से चार फीट ऊपर लटका कर रखें. इससे बरसात के दिनों में फॉर्म में पानी जाने की आशंका न के बराबर होगी.
-मुर्गी फार्म के अंदर यह ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि मॉइश्चर न हो. यदि मॉइश्चर होगा तो मुर्गी बीमार पड़ जाएंगी.
-मच्छर और मक्खियों से भी संक्रमण फैलता है. बरसात में इनकी संख्या बहुत अधिक बढ़ जाती है. इनके काटने से मुर्गियां बीमार भी पड़ सकती हैं. इसलिए मच्छर और मक्खियों से बचाने के लिए मुर्गियों के बाड़े में प्लास्टिक शीट या पर्दा लगा दें.

मुर्गियों को सूखी जगह पर रखें
पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विपिन की सलाह है मुर्गियों को नमी वाली जगह पर नहीं रखें. सूखी जगह मुर्गियां सुरक्षित रहेंगी. इसके अलावा बारिश के मौसम में बैक्टीरिया और वायरस से उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण जरूरी है. मुर्गी किस नस्ल की है, उस आधार पर टीकाकरण किया जाता है.

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