लीची का सब्स्टीट्यूट है यह फल, विटामिन और ओमेगा-3 का स्रोत, कैंसर से भी करता है बचाव-This fruit is a substitute for litchi, gardening is done extensively in Thailand, Vietnam and China, now it is becoming famous in India too

पश्चिम चम्पारण. जिले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में एक ऐसे फल की सफल बागवानी की गई है, जिसे लीची का सबस्टीट्यूट कहा जाता है. हालांकि इसकी बागवानी थाईलैंड, वियतनाम तथा चीन में खूब की जाती है. लेकिन भारत में इसे बेहद कम लोग ही जानते हैं. कृषि वैज्ञानिक बताते हैं कि इस फल का नाम लौंगन है, जिसका स्वाद मीठा तथा पेड़ एवं पत्ते लीची की तरह ही होते हैं. जहां तक बात रंग–रूप की है, तो इसका आकार लीची की तरह अंडाकार न होकर गोल तथा रंग लाल न होकर हल्का भूरा एवं हरा होता है.खास बात यह है कि लीची का सीजन समाप्त होने के बाद इस फल की हार्वेस्टिंग की जाती है, जिसमें लीची की तरह कीड़े भी नहीं लगते हैं.

लौंगन की बागवानी के लिए बिहार की जलवायु अनुकूल
मझौलिया प्रखंड के माधोपुर में स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में विषय वस्तु विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत डॉ. धीरू कुमार तिवारी बताते हैं कि लीची का मौसम खत्म होते ही लोग लौंगन का मजा ले सकते हैं. यह एक बेहद रसीला फल है जिसका स्वाद काफी हद तक लीची जैसा ही होता है. पेड़ लगाने के दो साल बाद फलों का आना शुरू हो जाता है. पश्चिम चम्पारण ज़िला सहित बिहार में इस फल की खेती अच्छी तरह से की जा सकती है. चुकि यहां की जमीन और जलवायु लौंगन की खेती के लिए एकदम अनुकूल है, इसलिए इस फल की बागवानी में किसानों को ज्यादा मशक्कत करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी.

पोषक तत्वों से भरे इस फल की ऐसे करें बागवानी
डॉ. धीरू बताते हैं कि जो भी किसान लौंगन की खेती करना चाहते हैं, उन्हें लीची की तरह ही इसके लिए भी गड्ढे करने होते हैं. मई-जून में गड्ढे को तैयार किया जाता है और जुलाई में इसकी रोपनी होती है. इसके लिए आपको पौधे मुजफ्फरपुर लीची अनुसंधान केंद्र में मिल जाएंगे. 1 साल पुराने पौधे को लेकर किसान इसकी बागवानी की शुरुवात कर सकते है. वैज्ञानिकों की मानें तो, इस फल में विटामिन सी मात्रा अधिक होती है. साथ ही इसमें विटामिन के, प्रोटीन, राइबोफ्लेविन, ओमेगा 3 एवं 6, कार्बोहाइड्रेट, केरोटीन, थाइमिन तथा फाइबर जैसे तत्व भी पाए जाते हैं. खास बात यह है कि इसमें कैंसर रोधी तत्व होने के कारण यह कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी बचाव करता है.

Tags: Bihar News, Health, Local18

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