जून के महीने में दोपहर के साथ-साथ सुबह और शाम भी गर्म हो गई हैं. मॉनसून दक्षिण भारत में आ चुका है लेकिन उत्तर भारत में आने में अभी समय है.
अगर आप सुबह जल्दी उठकर या शाम को वॉक पर जाते हैं तो आपने महसूस किया होगा कि जिस ताजगी के लिए आप घर से बाहर निकलकर आए हैं, वह ताजा हवा गर्म हवा में बदल चुकी है और ठंडक देने के बजाय गर्म थपेड़े सी लग रही है. दरअसल गर्मी इस बार पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है. इसलिए सिर्फ दोपहर में ही तापमान 50 तक नहीं पहुंच रहा बल्कि सुबह और शाम भी गर्म होती जा रही हैं. जिसका सीधा-सीधा नुकसान हो रहा है.
मौसम विभाग की मानें तो देखा जा रहा है कि सुबह 3 और 4 बजे जब वातावरण में सबसे ज्यादा ठंडक होनी चाहिए, उस वक्त भी तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच रहा है. वहीं सुबह 7 से 9 के बीच में यह 30-35 डिग्री सेल्सियस तक जा रहा है. यह कई मायनों में दोपहर की हीट वेव से भी ज्यादा खतरनाक और नुकसानदेह है.
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भारतीय मौसम विभाग के पूर्व डीजीएम डॉ. केजे रमेश का कहना है कि जून के महीने में गर्म होती सुबह और शाम सिर्फ मनुष्यों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यावरण, पेड़-पौधों, जानवरों और पक्षियों के लिए भी खतरे की घंटी है.
इसलिए गर्म हो रही सुबह-शाम
मौसम विज्ञानी कहते हैं कि पर्यावरण में गर्मी लगातार बढ़ रही है. सिर्फ दोपहर का तापमान ही 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर नहीं पहुंच रहा, बल्कि सुबह और शाम के तापमान का ग्राफ भी ऊपर होता जा रहा है. ऐसा ग्लोबल वॉर्मिंग के अलावा ग्रीन हाउस गैसेज के बढ़ते असर के कारण हो रहा है. सुबह-शाम की यह गर्मी दोपहर की हीट वेव से भी ज्यादा खतरनाक इसलिए है कि उस समय लोग बाहर निकलना अवॉइड कर सकते हैं लेकिन इस वक्त नहीं कर सकते और न ही उन्हें रोका जा सकता है.
पेड़-पौधों और इंसानों के लिए खतरा
सुबह और शाम में जिस तरह से हीट बढ़ रही है, वह मनुष्यों के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी खतरा है. ऐसा इसलिए है कि पेड़-पौधों को सर्वाइव करने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत पड़ेगी और पर्याप्त पानी व नमी न मिलने पर उनके सर्वाइवल का संकट पैदा हो जाएगा. वहीं मनुष्यों और पशु पक्षियों के लिए भी यह ठीक नहीं है.
घट सकता है स्टेमिना-फंक्शनल कैपेसिटी
डॉ. रमेश कहते हैं कि सुबह दिन की शुरुआत के लिए ताजगी की जरूरत होती है लेकिन अगर उस समय में भी मौसम में अजीब गर्माहट रहती है तो इसका मनुष्यों और जानवरों की फंक्शनल कैपेसिटी पर काफी असर पड़ता है. सुबह घरों से बाहर निकलकर वॉक करने या एक्सरसाइज करने को छोड़ दें तो भी सुबह से ही लोगों की दैनिक क्रियाएं शुरू हो जाती हैं, बच्चों से लेकर बड़ों तक की सुबह व्यस्तता से भरी होती है, ऐसे में वातावरण की यह गर्मी एक्सहॉस्ट कर सकती है, थका सकती है. पूरे दिन के लिए तरोताजा और ऊर्जायुक्त रहने में कमी ला सकती है. इससे मानसिक और शारीरिक रूप से काम करने की क्षमता पर असर पड़ सकता है.
न करें ये गलतियां..
केजे कहते हैं, वहीं इस मौसम में जो लोग एक्सरसाइज करते हैं या वॉक करते हैं, उन्हें गलतियां करने से बचने की जरूरत है. मौसम में गर्मी के बावजूद अगर आप अपने पुराने रुटीन के अनुसार सुबह या शाम को शारीरिक मेहनत करते हैं तो उसका फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है. ध्यान रखें कि पहले अगर आप 2 किलोमीटर पैदल चलते थे तो इस मौसम सिर्फ 1 किलोमीटर ही चलें. मौसम के अनुसार मेहनत को 50 फीसदी तक कम कर दें. वरना इस मौसम में आपका स्टेमिना कमजोर हो सकता है. कई शारीरिक स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं.
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करें ये काम
. खुले में काम करने से बचें.
. सुबह-शाम की गतिविधियों को सीमित करें.
. ठंडे में या हवा में रहें.
. लंबे समय तक पसीना न आने दें.
. आउटडोर एक्टिविटीज से बचें.
. इनडोर एक्टिविटीज करें.
Tags: Delhi weather, Latest weather news, Minimum Temperature
FIRST PUBLISHED : June 6, 2024, 20:21 IST