Doctor of Sagar invented a unique method there will be no pain even after needle injection

अनुज गौतम/सागरः इंजेक्शन की सुई को देखकर बच्चों से लेकर बूढ़े तक डर जाते हैं. अगर आपको भी सुई से डर लगता है तो यह खबर आपके लिए है. जहां मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक डॉक्टर ने सुई लगाने पर दर्द ना हो, ऐसा तरीका ईजाद किया है. जिसे जैन ट्रिपेनो गार्ड नाम दिया है. इसे बनाने में केवल साढ़े 500 रुपए का खर्चा आया है. अब तक कई लोगों पर इसका इस्तेमाल किया जा चुका है. और कोई भी साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है. इसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग के प्रोफेसर और विभाग अध्यक्ष डॉक्टर सर्वेश जैन ने बनाया है.

 सुई के इस्तेमाल पर नहीं हुआ दर्द
डॉ. सर्वेश जैन ने बताया कि कोरियन पद्धति में इलाज के लिए वाइब्रेट पेन का उपयोग करते हैं. वह एनेस्थीसिया से जुड़े हुए हैं. एक दिन बैठे-बैठे यह आइडिया उनके दिमाग में क्लिक हुआ, इसके बाद वह ऑनलाइन कोरिया से मसाजर पेन मंगवा लिए. इसके बाद तापमान शून्य करने इथाइल क्लोराइड स्प्रे को मुंबई में अपने एक परिचित के माध्यम से तैयार करवाया, और फिर जब इन दोनों का इस्तेमाल किया तो सुई का दर्द नहीं हुआ.

मसाजर पेन का इथाईल क्लोराइड स्प्रे में हुआ उपयोग
डॉक्टर सर्वेश जैन ने बताया कि अगर किसी को पीठ में छुरा या चाकू मार दो तो वह उतना नहीं डरता है, जितना की स्प्रिट से सफाई कर उसको सुई लगने वाली हो, सुई को लेकर लोगों के मन में फोबिया रहता है. जिसे ट्रिपेनो फोबिया कहते हैं, दुनिया में कितना भी बड़ा से बड़ा इंसान हो, डॉन हो या कोई भी हो, उसे सुई से जरुर डर लगता है, जिसका दर्द ना हो, इसके लिए उन्होंने एक डिवाइस बनाई है, जहां पर इंजेक्शन लगाते हैं. उन्होंने बताया कि सुई लगाने वाली जगह को पहले एक पेन से टच करते हैं।

इथाइरल क्लोराइड के स्प्रे से होती है ठंडक
डॉक्टर सर्वेश जैन के अनुसार सुई लगाने वाली जगह पर वाइब्रेट होता है, उसी जगह पर इथराइल क्लोराइड का स्प्रे करके सुई लगा दी जाती है. वाइब्रेट वाला पेन टच करने से उस जगह पर कंपन होता है और इथाइरल क्लोराइड के स्प्रे से ठंडक उत्पन्न होती है. जब एक साथ उनके दिमाग तक कंपन और तापमान की तरंगे जाती हैं तो उन्हें सुई का एहसास नहीं होती है.

गेट कंट्रोल ऑफ पेन थ्योरी
डॉक्टर सर्वेश जैन ने बताया कि इसे गेट कंट्रोल ऑफ पेन थ्योरी कहते हैं, जिसके अनुसार उनके दिमाग तक 3 तरह की तरंगे जाती हैं, जिसकी वजह से हमें दर्द, तापमान और कंपन का एहसास होता है, लेकिन जिस गेट से यह जाती हैं उसमें एक साथ कोई भी दो तरह के एहसास ही एक साथ हों सकते हैं. इसी थ्योरी के अनुसार जब कंपन और ठंडक एक साथ दिमाग तक भेजते हैं, इसके पीछे से सुई लगा देते हैं, जिसकी वजह से दर्द का पता नहीं चलता है.

Tags: Local18, Sagar news

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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