Alopecia symptoms treatment: ‘थपकी प्यार की’ धारावाहिक से घर-घर में पहचानी जाने वाली अभिनेत्री जिज्ञासा सिंह (Jigyasa Singh) एलोपेसिया बीमारी से जूझ रही हैं. एलोपेसिया एक ऐसी बीमारी है जो हार्मोनल बदलाव या अन्य मेडिकल कंडिशन की वजह से होती है और इसकी वजह से बॉडी और सिर के बाल पैच में गिरने लगते हैं. टीओटी को दिए एक इंटव्यू में उन्होंने बताया कि साल 2022 में शूटिंग के दौरान उन्हें अपने सिर पर एक बड़ा सा पैच जैसा दिखा था, जो दरअसल एलोपेसिया का लक्षण है. यही नहीं, इसके बाद जब उन्होंंने जांच कराया तो पता चला कि वे थायरॉइड और हार्मोनल असंतुलन से भी जूझ रही थीं और इसकी वजह से उन्हें मेंटल प्रॉब्लम का भी सामना करना पड़ रहा था. तेजी से बढ़ते वजन, ध्यान न लगना, नींद की कमी जैसे परेशानियां और साथ में, एलोपेसिया, ये सारी चीजें उन्हें मानसिक रूप से काफी स्ट्रेस में ला रही थीं और इसके बाद उन्होंने करियर से कुछ दिनों के लिए ब्रेक लेने का निर्णय लिया.
क्या होता है एलोपेसिया
मायोक्लीनिक के मुताबिक, एलोपेसिया एरियाटा एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो शरीर के किसी भी हिस्से पर पैच के रूप में बालों के झड़ने का कारण बनती है. लेकिन यह सबसे अधिक सिर की त्वचा (स्कैल्प) को प्रभावित करता है. ये कई तरह के होते हैं. पहला है एलोपेसिया एरियाटा टोटालिस, इसमें आपके स्कैल्प के सभी बाल गिर जाते हैं. दूसरा है, एलोपेसिया एरियाटा यूनिवर्सालिस, इसमें आपके स्कैल्प और पूरे शरीर के बाल गिर जाते हैं. तीसरा है डिफ्यूज़ एलोपेसिया एरियाटा, इसमें बाल झड़ने के बजाय पतले हो जाते हैं. जबकि चौथा है ओफियासिस एलोपेसिया एरियाटा, जिसमें स्कैल्प के निचले पीछे की तरफ एक बैंड के रूप में बाल गिरते हैं.
क्या है लक्षण-
इस बीमारी के होने पर सिर, चेहरे, भौंहों, पलकें और शरीर के अन्य हिस्से के बाल पैच में गिरने लगते हैं. इसकी वजह से नाखूनों पर गड्ढे या छेद से नजर आने लगते हैं जो सामान्य नाखूनों से बिल्कुल अलग होते हैं. इन पैच एरिया में खुजली सी महसूस हो सकती है, इनका रंग लाल, बैंगनी, भूरा या ग्रे हो सकता है, पैच पर बालों की जड़ों यानी फॉलिक्स बड़े से और खुले मुंह से दिखते हैं जिसे फॉलिक्युलर ओस्टिया कहा जाता है. आदि.
क्यों होता है ऐसा-
एलोपेसिया एरियाटा एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके शरीर पर हमला करती है. आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके बालों की जड़ों पर हमला करती है, क्योंकि इसे यह लगता है कि वे किसी बाहरी आक्रमणकारी जैसे बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या फंगस हैं, जो संक्रमण, बीमारी या अन्य समस्याओं का कारण बनते हैं. जब ऐसा होता है तो बाल गिरने लगते हैं, (सिक्के के आकार के गुच्छों में).
किन बातों का रखें ख्याल-
स्किन को जहां तक हो धूप से बचाएं.
जहां तक हो, तनाव से खुद को दूर रखें.
कैमिकल वाले हेयर प्रोडक्ट की बजाय माइल्ड शैंपू या प्रोडक्ट का इस्तेमाल करें.
विटामिन डी सेप्लीमेंट का रेग्युलर सेवन करें.
क्या इसका इलाज संभव है?
मायोक्लीनिक के मुताबिक, एलोपेसिया एरियाटा पूरी तरह ठीक नहीं होती. दवाओं और अन्य उपचारों से बालों के झड़ने को रोकने का प्रयास किया जाता है. लेकिन यह बीमारी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाती.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 16:50 IST