हल्द्वानी: डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच बकरी के दूध की मांग तेजी से बढ़ रही है. लोग डेंगू के इलाज के साथ-साथ घरेलू उपायों पर भी भरोसा कर रहे हैं, जिसमें बकरी का दूध प्रमुख माना जा रहा है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्या बकरी का दूध वाकई डेंगू के इलाज में सहायक है या यह मात्र एक मिथक है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए लोकल 18 ने बात की वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. विनय खुल्लर से.
क्या बकरी का दूध करता है डेंगू को ठीक?
डॉ. विनय खुल्लर ने बताया कि बकरी का दूध किसी भी व्यक्ति के लिए बेहद फायदेमंद होता है. क्योंकि इसमें एक दर्जन से भी अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें विटामिन बी6, बी12, सी और डी के साथ-साथ फोलेट बाइंड करने वाले कंपोनेंट्स होते हैं, जो शरीर में फोलिक एसिड की मात्रा को बढ़ाने में सहायक होते हैं. हालांकि, इसका डेंगू के इलाज में कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है.
डॉ. खुल्लर ने बताया कि डेंगू एक ऐसी बीमारी है जो अपने आप नियंत्रित होती है. इसमें शरीर का इम्यून रिस्पांस खुद ही प्लेटलेट्स की संख्या को पहले घटाता है और फिर बढ़ाता है. इसलिए, बकरी के दूध या पपीते के पत्तों को क्रेडिट देना ठीक नहीं है. शरीर के प्लेटलेट्स प्राकृतिक रूप से ही बढ़ते हैं और इसमें बकरी के दूध का कोई योगदान नहीं होता.
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बकरी का दूध कैसे है भैंस-गाय के दूध से अलग
डाइटिशियन डॉ. आभा सिंह बताती हैं कि बकरी का दूध, गाय और भैंस के दूध से थोड़ा अलग होता है. बकरी के दूध में सिलेनियम की मात्रा अधिक होती है, लेकिन सिलेनियम का प्लेटलेट्स की संख्या को बढ़ाने में कोई विशेष योगदान नहीं है. इसलिए, डेंगू के मरीजों के लिए बकरी के दूध को प्लेटलेट्स बढ़ाने के उपाय के रूप में देखना एक मिथक है.
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FIRST PUBLISHED : September 23, 2024, 10:50 IST