नोएडा: नोएडा के सेक्टर 27 स्थित कैलाश अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बेहद जटिल और चुनौतीपूर्ण हृदय सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देकर 68 वर्षीय मरीज की जान बचाई. यह ऑपरेशन 15 घंटे चला और डॉक्टरों की टीम ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद इसे सफलतापूर्वक पूरा किया. सर्जरी का नेतृत्व कर रहे कार्डियोथोरेसिक और वस्कुलर सर्जन डॉ. सतीश मैथ्यू ने बताया कि इस तरह के केस बेहद दुर्लभ होते हैं, और एनसीआर क्षेत्र में इतने कम समय में इस तरह की सर्जरी और रिकवरी का यह पहला मामला हो सकता है.
नोएडा निवासी बिशन सिंह बिष्ट को गंभीर स्थिति में अस्पताल लाया गया था, जहां उनकी आवाज चली गई थी. जांच में पता चला कि उनकी मुख्य महाधमनी (Aorta) में संतरे के आकार का फोड़ा (Aneurysm) था, जो कभी भी फट सकता था और उनके जीवन के लिए खतरा बना हुआ था.
हार्ट अटैक का भी था खतरा
इसके अलावा, कोरोनरी एन्जियोग्राफी से पता चला कि उनकी दो मुख्य धमनियां, जो हृदय को रक्त पहुंचाती हैं, बंद हो चुकी थीं. इससे हृदय आघात (Heart Attack) का भी खतरा बढ़ गया था. डॉक्टरों ने तीन चरणों में इस जटिल सर्जरी की योजना बनाई, और आखिरकार 15 घंटे लंबी सर्जरी के दौरान सफलता प्राप्त की.
तीन चरणों में सर्जरी की गई
डॉ. सतीश मैथ्यू के नेतृत्व में सर्जरी तीन चरणों में की गई:
पहला चरण: हृदय की रक्त वाहिनियों को बाईपास ग्राफ्ट की मदद से बाईपास किया गया.
दूसरा चरण: महाधमनी से मस्तिष्क और हाथों तक रक्त पहुंचाने वाली मुख्य रक्त वाहिनियों को ग्राफ्ट के जरिए बाईपास किया गया.
अंतिम चरण: कार्डियक कैथ लैब में जाकर एन्ड्रोग्राफ्ट (Endograft) लगाया गया, जिसने फोड़े के आकार का एन्यूरिज्म सील कर दिया.
परिजनों ने जताया आभार
यह जटिल ऑपरेशन 15 घंटे तक चला और मरीज को 7 दिनों तक डॉक्टरों और स्टाफ की निगरानी में रखा गया. इसके बाद, बिशन सिंह बिष्ट को पूरी तरह स्वस्थ घोषित कर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. उनके परिजनों ने डॉ. सतीश मैथ्यू और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया, जिनकी मेहनत से बिष्ट को नया जीवन मिला. डॉ. मैथ्यू ने बताया कि इस तरह के फोड़े की मुख्य वजह धूम्रपान हो सकती है. ऐसे केस दुर्लभ होते हैं, लेकिन यह घटना धूम्रपान से होने वाले गंभीर खतरे को उजागर करती है.
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FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 15:12 IST