Drugs cure cancer blindness: अब तक कैंसर का इलाज हमारे लिए दूर की कौड़ी ही है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जिस डीएनए में गड़बड़ी के कारण कैंसर जैसी घातक बीमारी होती है, उसी डीएनए को बदल दिया जाएगा जिससे कैंसर को पूरी तरह से शरीर से खत्म किया जा सकता है. इस दवा को तैयार करने में ब्रिटेन सरकार 1.7 अरब पौंड यानी करीब 184 अरब रुपये खर्च कर रही है. इस करामाती दवा से न सिर्फ कैंसर बल्कि हार्ट डिजीज और यहां तक कि अंधेपन का भी शर्तिया इलाज किया जा सकता है. कैंसर अगर शुरुआती दौर में पकड़ में आ जाए तो इसका इलाज भी किया जा सकता है लेकिन अंधेपन का इलाज अब तक सामने नहीं है. इसलिए माना जा रहा है कि यह दवा या थेरेपी एंटीबायोटिक के बाद मेडिकल इतिहास की यह सबसे बड़ी उपलब्धि साबित होगी.
डीएनए में एडिटिंग से होगा इलाज
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक यह दवा कोशिकाओं के अंदर डीएनए को बदल सकती है या इसे नए तरीके से बना सकती है. डीएनए में हमारी कुंडली छिपी होती है. इसमें पहले से यह तय रहता कि किस तरह की बीमारी शरीर में पनप सकती है. वहीं अगर डीएनए में गड़बड़ी हो जाए तो कैंसर सहित कई बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है. इस दवा से न सिर्फ कैंसर बल्कि हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज और यहां तक कि अंधेपन का भी इलाज किया जा सकता है. इस इलाज से ब्रिटेन में कुछ मरीजों का पहले ही इलाज कर दिया गया है. अब इस पर बेहतर रिसर्च के लिए ब्रिटेन सरकार की नेशनल हेल्थ सर्विस NHS 1.7 अरब पौंड खर्च करने का फैसला किया है. रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा के इलाज से खानदानी हार्ट डिजीज, ल्यूकीमिया यानी ब्लड कैंसर, पेशाब में इंफेक्शन जैसी बीमारियों का इलाज किया जाएगा.
ट्रायल में मरीजों का सफल इलाज
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ बीमारियों में इस थेरेपी की मदद से ट्रायल बेहद सफल रहा है. एक 31 साल के शख्स का जीन एडिटिंग के माध्यम से हीमोफीलिया बी का सफल इलाज भी किया गया है. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अगले तीन साल में यह इलाज दुनिया के लाखों लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगा और इससे हजारों लोगों की जान बचाई जा सकती है. फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के जेनेटिक एक्सपर्ट प्रोफेसर रोबिन लवेल बैज ने बताया कि जीन एडिटिंग थेरेपी दुनिया में भविष्य का मेडिसीन है. अगर इन बीमारियों के लिए यह इलाज सफल हो जाता है, जैसा कि अनुमान है तो यह इलाज पूरे जीवनकाल का सबसे बेस्ट इलाज साबित होगा और इससे लाखों मरीजों की दोबारा जिंदगी दी सकती है.
1960 से जारी है कारवां
जीन एडिटिंग पर वैज्ञानिक 1960 से प्रयोग कर रहे हैं. लेकिन पिछले दशक से इसमें तेजी आई है जब वैज्ञानिकों ने जीन एडिटिंग की एक तकनीक CRISPR-Cas9 सिस्टम की खोज की है. इस पद्धति में खराब डीएनए को सेल से बाहर निकालने की कोशिश की जाती है. इसमें डीएनए को मॉलिकुलर सीजर से हटाया जाता है और उसकी जगह नए डीएनए को डेवलप किया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : August 20, 2024, 11:34 IST