Diet Chart for Karate Girl: आजकल स्कूल में एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटी जरूरी हिस्सा बन गई है. इसलिए बच्चे पढ़ाई के अलावा कई अन्य गतिविधियों में भाग लेते हैं. बहुत से बच्चे खेल-कूद जैसी एक्टिविटी में रहते हैं तो कुछ बच्चे कराटे या मार्शल आर्ट भी सीखते हैं. बेबी गर्ल की ज्यादातर पसंद कराटे की होती है. ऐसे में यदि आपकी बेबी भी स्कूल में कराटे सीख रही हैं तो उनके लिए विशेष तरह की डाइट की जरूरत होगी. हालांकि इस उम्र में सभी बच्चे का ग्रोथ तेजी से होता है, इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर भोजन देना हर तरह से जरूरी है. लेकिन अगर आपकी लाडली कराटे या मार्शल आर्ट सीख रही हैं तो इसके साथ ही उनके लिए विशेष प्रबंध करने की जरूरत है. आपकी कराटे गर्ल लाडली के लिए किस तरह की डाइट हो, इसके लिए हमने अमेरिका की फोनिक्स में प्रैक्टिस कर रही क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी से बात की.
डाइट में क्या-क्या हो शामिल
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि 8 से 10 साल की बेबी के लिए बैलेंस फूड जरूरी है. दरअसल, इस उम्र में बच्चे खाना खाने में मीन-मेख बहुत करते हैं लेकिन आपको अपनी लाडली के शारीरिक ग्रोथ पर खासतौर पर फोकस करना है. इसके साथ आप उनकी एक्स्ट्रा गतिविधियों के लिए डाइट प्लान कीजिए. इस उम्र में वो ज्यादा नहीं खाती हैं. ऐसे में उन्हें ज्यादा या हैवी मील देने की कोशिश भी न करें. उन्हें हर दिन बहुत-बहुत कम-कम भोजन दें लेकिन इस तरह की प्लानिंग करें कि हर एक-दो घंटे पर वह कुछ न कुछ जरूर खा लें. मसलन यदि आप पहले चार बार फूड देते थे उसे 6 या 7 बार कर दें. इससे फूड की मात्रा भी बढ़ जाएगी और फूड की वैरायटी भी बढ़ेगी.
जल्दी-जल्दी फूड देना जरूरी
अगर आपकी बच्ची कराटे सीख रही हैं तो जल्दी-जल्दी उन्हें पौष्टक भोजन देना जरूरी है. ध्यान रहे लड़के और लड़कियों की डाइट में अंतर होती है. सबसे पहले तो अपनी लाडली को इम्यूनिटी बूस्ट करने वाले फूड दें. इसके लिए साइट्रस फूड, हरी पत्तीदार सब्जियां और सीड्स देना जरूरी है. इसके बाद उन्हें आयरन की जरूरत ज्यादा होती है. आयरन के लिए आप विभिन्न तरह के साग या जूस, बींस, मसूर की दाल, पालक, चुकंदर आदि का सेवन कराएं. वहीं एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रैट और प्रोटीन की जरूरत होगी. इसके लिए आप रोजाना दूध, छाछ, चीज, बटर तो दे ही, इसके साथ साबुत अनाज का जरूर सेवन कराएं. इन सबके अलावा फाइबर युक्त डाइट का भी ख्याल रखें. बेबी की डाइट में रोज दूध या डेयरी प्रोडक्ट और साबुत अनाज जरूर होना चाहिए. अगर दूध सही से नहीं पचता तो इसके बदले में कम लेक्टोज वाली डेयरी चीजें दें. जैसे कि दही, छाछ, बटरमिल्क आदि. अपनी लाडली को जितना अधिक पैकेट फूड की खुराक कम देंगे, उतना ही अधिक फायदा होगा.
इस तरह सुबह से रात तक फूड को मैनेज करें
डॉ. प्रियंका रोहतगी कहती हैं कि यदि आपकी बेटी कराटे या मार्शल आर्ट सीख रही हैं तो सुबह उठते ही एक केला और सेब से दिन की शुरुआत करवाएं. इसके बाद स्कूल जाने से पहले ब्रेकफास्ट दे दें. ब्रेकफास्ट में अनाज से बनी चीजें, ओट्स, दही या छाछ, हरी सब्जी आदि का समावेश जरूर करें. यदि नॉन-वेज हैं तो अंडे जरूर दें. इसके बाद डेयरी प्रोडक्ट को भी जरूर शामिल करें. स्कूल के टिफिन में अलग से भीगा हुआ ड्राई फ्रूट्स और सीड्स रख दें और इसे हर आधे-एक घंटे पर दो-चार दाने निकालकर खाने को कहें. लंच में कुछ ठोस चीजें दें. इसमें साबुत अनाज से बनी चीजें और कुछ फ्रूट्स जरूर होना चाहिए. स्कूल से जब घर आए तो एक गिलास जूस पीने को दें. फिर आधे घंटे के बाद कुछ स्नैक्स दें और रात को खाने के साथ दाल जरूर दें. रात में सोने वक्त एक गिलास दूध पिलाएं. फ्रूट्स में स्ट्रॉबेरी, जामुन, खजूर, कीवी, संतेर आदि को जरूर शामिल करें. दिन में कम से कम 6-7 बार जरूर कुछ न कुछ खाने को दें. बाहर की चीजें जितनी कम खाएंगी आपकी बच्ची उतना अधिक हेल्दी रहेंगी.
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FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 12:55 IST