सावन-भादो में बस 25 द‍िन म‍िलेगी ये सब्‍जी, ताकत का है देसी खजाना, तुरंत नोट करें रेस‍िपी

Murela Vegetable Benefit and Recipe: प्रकृति ने पास ऐसे-ऐसे खजाने हैं कि इतने सालों के जीवन के बाद भी मनुष्‍य इसके राज नहीं जान पाया है. ज‍िन पोषक तत्‍वों की खोज हम करते हैं, प्रकृति अपने भीतर ऐसे असंख्‍य तत्‍वों को समेटे बैठी है. ऐसा ही पोषण का देसी खजाना है एक सब्‍जी, जो राजस्‍थान में पाई जाती है. हम बात कर रहे हैं ‘मुरेला’ की, जो सेहत और स्‍वाद दोनों का खजाना है. मुरेला को ‘करेला का छोटा भाई’ भी कहा जाता है और इसका आकार देखते ही आप समझ जाएंगे कि आखिर इसे ऐसा नाम क्‍यों द‍िया गया है. मुरेला को जंगलों में पैदा होने वाली जड़ी बूटी की तरह माना जाता है. क‍िंकोड़ा और कचरी की तरह की मुरेला भी राजस्‍थान में पाया जाता है.

आमतौर पर सब्‍ज‍ियां एक पूरे सीजन में आपको खाने को म‍िलती हैं. लेकिन मुरेला इस मामले में थोड़ा खास है. ये सब्‍जी आपको सावन-भादो के समय में लगभग 25 द‍िन ही बाजार में देखने को म‍िलेगी. बता दें कि आयुर्वेद में इस सब्‍जी को करेले से भी ज्‍यादा फायदेमंद बताया गया है. यानी डायबि‍टीज और अपनी शुगर को कंट्रोल में रखने की कोशिश कर रहे लोगों के लि‍ए मुरेला की ये सब्‍जी बहुत ही फायदेमंद साबित होगी. मोनसून के समय मौसमी बीमारी, बुखार आदि बहुत होते हैं. लेकिन ये सब्‍जी खाने पर ताप-बुखार आद‍ि नहीं होता है. साथ ही इस सब्‍जी को आंखों के ल‍िए भी बहुत ही फायदेमंद माना जाता है. आइए बताते हैं, इस देसी सब्‍जी को आप घर पर कैसे बना कर खाएं.

मुरेला की सब्‍जी बनाने की व‍िध‍ि

– सबसे पहले मुरेला को पानी से अच्‍छे से धोकर साफ कर लें. अब इसे छोटे-छोटे आकार में काट लें. ये काटने पर करेला जैसा ही लगता है. अगर भीतर से लाल यानी प‍का हुआ न‍िकले तो उसे अलग कर दें.

– काटने के बाद इस सब्‍जी में नमक लगाकर कम से कम 2 घंटे के ल‍िए छोड़ दें. इससे इसका एक्‍स्‍ट्रा पानी न‍िकल जाएगा. साथ ही ये थोड़े नरम भी हो जाएंगे. अब इसे 2 से 3 बार पानी से आप एक बार फिर धो लें. (आप चाहें तो इसे रात भर नमक लगाकर छोड़ सकते हैं और सुबह बना सकते हैं.)

– अब आप एक कढ़ाई में तेल गर्म करें. गर्म तेल में कटे हुए मुरेला डालकर इसे अच्‍छी तरह भून लें. अच्‍छे से भूनने से इसका स्‍वाद भी बढ़ेगा और ये सही से पक जाएंगे. 10 म‍िनट तक भूनने के बाद या 80% पकने पर इसे कढ़ाई से उतार लें.

– अब कढ़ाई में 2 चम्‍मच तेल डालें. इसमें आधी चम्‍मच जीरा और एक चुटकी हींग डालें. इसके बाद इसमें सूखी साबुत लाल म‍िर्च डालें. साथ ही इसमें एक-दो कटी हुई हरी मिर्च भी डालें. म‍िर्च की मात्रा आप अपने स्‍वाद के अनुसार कम-ज्‍यादा कर सकते हैं. राजस्‍थान में ज्‍यादा म‍िर्च खाई जाती है, इसल‍िए वहां दोनों तरह की म‍िर्च का इस्‍तेमाल क‍िया जाता है.

– अब इसमें 2 से 3 कटी हुई प्‍याज डालें. इस सब्‍जी में प्‍याज का स्‍वाद काफी अच्‍छा आता है, इसलि‍ए प्‍याज आप ज्‍यादा ही रखें.

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– प्‍याज के हल्‍का गुलाबी होने पर इसमें सूखे मसाले जैसे एक चम्‍मच धनिया, आधी चम्‍मच काली मिर्च, आधा चम्‍मच हल्‍दी पाउडर और एक चम्‍मच सौंफ का पाउडर डालें.

– अब इस मसालें को अच्‍छी तरह से चलाते हुए भूनें. अगर आप चाहें तो इसमें थोड़ा सा पानी भी डालें ताकि मसाला अच्‍छे से भुन जाए.

– मसाला भुनने पर इसमें नमक डालें. इसके साथ ही एक चम्‍मच अमचूर पाउडर भी डालें.

-मसाला जब अच्‍छे से भुन जाए, इसमें फ्राई हुए मुरेला डालकर अच्‍छे से म‍िक्‍स कर लें.

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– मसाले के साथ इस सब्‍जी को ढककर 2 से 3 म‍िनट तक पकाएं ताकि अच्‍छे से मसाला सब्‍जी में समा जाए. आखिर में इस सब्‍जी में आधा चम्‍मच गर्म मसाला डालें और गैस बंद कर दें.

– अंत में हरा धनिया डालकर सजाएं और इस सब्‍जी को परांठे या रोटी के साथ खाएं.

Tags: Eat healthy, Health benefit

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