ऋषिकेश: योग कैंसर से बचाव और राहत के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. बात ब्रेस्ट कैंसर की करें तो यह स्तन में होने वाला एक प्रकार का कैंसर है. यह आमतौर पर स्तन के ऊतकों में ट्यूमर के रूप में विकसित होता है. शुरुआती चरणों में यह सामान्य लक्षण उत्पन्न नहीं करता. लेकिन, समय के साथ इसमें सूजन, गांठ या स्तन में बदलाव देखे जा सकते हैं. उचित जांच और इलाज के माध्यम से इसका प्रभावी इलाज संभव है. साथ ही ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए नियमित योगाभ्यास बहुत जरूरी है.
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित साधक योगशाला के योगा निदेशक और योग ट्रेनर गोकुल बिष्ट ने बताया कि योग के माध्यम से तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है. जो ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के दौरान सहायक हो सकता है. इसके अलावा, योग का अभ्यास शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है. ताकि रोगियों को बेहतर जीवन गुणवत्ता मिलती रहे. योग को सही तरीके से अभ्यास करने से जीवनशैली में सुधार और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होते हैं. यहां ऐसे तीन आसन बताए जा रहे हैं, जिनको करने से ब्रेस्ट कैंसर से बचा जा सकता है. इसके साथ ही ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित रोगियों के लिए भी ये आसन असरदार साबित होते हैं.
भुजंगासन
इस अभ्यास को करने के लिए बिस्तर पर या फिर योग मैट पर अपने पेट के बल सीधा लेटकर अपने दोनों हाथों को अपने कंधे के सामने रखें. इसके बाद धीरे से अपने दोनों हाथों को कंधे के सामने लाते हुए पूरा शरीर को सीधा कर रखें. फिर अपनी ऊपरी हिस्से को भुजाओं से उठाए और अपने पैरों को सीधे रखते हुए कमर से ऊपर के हिस्से को हवा में रखें. इस मुद्रा में 30-60 सेकेंड तक रह सकते हैं.
पवनमुक्तासन
ये आसन पीरियड्स के दर्द और मानसिक तनाव को दूर करने का रामबाण इलाज है. इस आसन से शरीर की थकान भी दूर होती है. सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं और पैरों को एक साथ सीधा कर लें. अब अपने दाएं घुटने को अपनी छाती के पास ले कर आएं. जांघ को पेट तक लाकर अच्छे से दबाएं. अब अपनी दाढ़ी को दाएं घुटने से लगाएं . जब गहरी सांस लें तो घुटने को हाथों से अच्छे से पकड़ लें. घुटने को हाथ से अच्छे से पकड़ने पर छाती पर हल्का सा दबाव महसूस होगा, जो सामान्य है. अब सांस छोड़ते हुए घुटने को ढीला कर दें. अब पूरी प्रक्रिया को इस तरह से बाएं पैर के साथ करें. दोनों पैरों से एक-एक बार करने के बाद दोनों पैरों के साथ करें.
बालासन
बालासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं. इसके बाद अपने दोनों ही हाथों को ऊपर ले जाएं और आगे की ओर झुकें. फिर अपनी हथेलियों को ज़मीन पर ले जाएं. इसके बाद अपने सिर को ज़मीन की ओर ले जाए. इस आसन को करने से मोटापा तो काम होता है. साथ ही साथ बदन दर्द और मानसिक तनाव भी दूर होता है.
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FIRST PUBLISHED : August 12, 2024, 09:19 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.