रोज 10 सिगरेट पी रहे दिल्ली-एनसीआर के लोग ! ये तो नॉन स्मोकर्स का हाल, डॉक्टर बोले- यह बेहद खतरनाक

Air Pollution Harmful Effects: क्या आपको पता है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाला हर शख्स रोज कम से कम 10 सिगरेट पी रहा है. सुनकर हैरान हो रहे होंगे कि भला हर कोई सिगरेट कैसे पी सकता है, क्योंकि तमाम लोग स्मोकिंग नहीं करते हैं. इसका जवाब है कि दिल्ली-एनसीआर की हवा में सिगरेट जितने टॉक्सिक एलीमेंट्स घुल चुके हैं और दिनभर सांस लेने में लोगों के शरीर में करीब 10-12 सिगरेट जैसा धुआं जा रहा है. आसान भाषा में कहें, तो जो लोग स्मोकिंग नहीं करते हैं, वे भी पॉल्यूशन में सांस लेने पर पैसिव स्मोकिंग कर रहे हैं. इसका बुरा असर सेहत पर पड़ रहा है.

बर्कले अर्थ साइंटिफिक पेपर के अनुसार दिनभर 22μg/m3 एयर पॉल्यूशन रहे, तो यह एक सिगरेट के बराबर माना जाता है. इस हिसाब से देखें, तो दिल्ली में इन दिनों एवरेज एक्यूआई करीब 250 के आसपास रहता है. इस हिसाब से कैल्कुलेट किया जाए, तो दिल्ली वाले हर दिन करीब 11.3 सिगरेट पी रहे हैं. एनसीआर का हाल भी अच्छा नहीं है. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद में भी एयर क्वालिटी 200 के पार पहुंच गई है. इस हिसाब से देखें, तो यहां के लोग भी रोज करीब 9-10 सिगरेट के आसपास जहरीले तत्व सांस के जरिए शरीर के अंदर ले रहे हैं.

भयंकर पॉल्यूशन पर क्या कहते हैं डॉक्टर

नई दिल्ली के साकेत स्थित डॉक्टर मंत्री रेस्पिरेटरी क्लीनिक के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भगवान मंत्री ने News18 को बताया कि जब हवा में प्रदूषण बढ़ता है, तो उसमें छोटे-छोटे खतरनाक कण शामिल हो जाते हैं. जब लोग ऐसी प्रदूषित हवा में सांस लेते हैं, तो ये जहरीले तत्व उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, जिससे फेफड़ों और रेस्पिरेटरी सिस्टम को गंभीर नुकसान पहुंचता है. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर समेत कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. पॉल्यूशन का सबसे बुरा असर हमारे रेस्पिरेटरी सिस्टम पर होता है.

हार्ट हेल्थ के लिए भी पॉल्यूशन खतरनाक

नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल की कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वनीता अरोरा ने News18 को बताया कि एयर पॉल्यूशन का हार्ट हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है और इससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण जैसे कि पीएम 2.5 और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड हमारे खून प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव बढ़ता है. इससे हार्ट की धमनियां सख्त हो जाती हैं और ब्लॉकेज का कारण बन सकती हैं. इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ता है. इसके अलावा प्रदूषण से हाई ब्लड प्रेशर और अन्य कार्डियोवैस्कुलर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं.

आंखों में जलन पैदा करता है पॉल्यूशन

नई दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल के ऑप्थैल्मोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. तुषार ग्रोवर ने News18 को बताया कि जहरीली हवा आंखों के लिए खतरनाक होती है. प्रदूषित हवा में मौजूद हानिकारक कण जैसे कि धूल, धुएं और रासायनिक तत्व आंखों में जलन, खुजली और लालिमा का कारण बन सकते हैं. इसके अलावा यह कॉर्निया और कंजक्टिवा में सूजन को बढ़ा सकता है, जिससे विजन में समस्या आ सकती है. लंबे समय तक ऐसे प्रदूषण के संपर्क में रहने से आंखों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे कि एलर्जी, ड्राइनेस और  मोतियाबिंद का जोखिम भी बढ़ सकता है.

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