Explainer: टीम इंडिया का ‘स्पीड टेस्ट’, ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले होगी कड़ी परीक्षा, रोहित बदल सकते हैं कोच का गंभीर अंदाज

बांग्लादेश के साथ 19 सितंबर को खेले जाने वाले पहले टेस्ट के साथ ही टीम इंडिया के लिए नए सीजन की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी. नया सीजन भारतीय टेस्ट टीम के खिलाड़ियों के लिए कड़ी चुनौतियों से भरा पड़ा है. आम-तौर पर भारतीय जमीं पर बांग्लदेशी टेस्ट टीम की चुनौती को शायद फैंस उतनी गंभीरता से नहीं लेते लेकिन पाकिस्तान को उसी की सरजमीं पर 2-0 से टेस्ट सीरीज में मात देने से अब बात बदल चुकी है. पारंपारिक तौर पर स्पिन गेंदबाज़ों पर निर्भर रहने वाली मेहमान टीम के पास नाहिद राणा जैसा युवा तेज़ गेंदबाज़ है जो टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले ये एहसास करा सकता है कि अपने घर पर भी रफ्तार को झेलना आसान नहीं है.

नए कोच गौतम गंभीर के लिए चेन्नई में चार दिनों का कैंप टेस्ट टीम के खिलाड़ियों को नजदीक से जानने का बेहतर मौका होगा. श्रीलंका दौरे पर दिग्गजों की मौजूदगी के बावजूद वनडे सीरीज में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था. ओलंपिक के दौरान उस सीरीज को चर्चा नहीं मिली और भारत में उस हार पर बहुत ज़्यादा बवाल नहीं मचा लेकिन टीम निश्चित तौर पर चौंकी थी. यह लेखक श्रीलंका दौरे पर टीम इंडिया की सीरीज कवर कवर कर रहा था और बेहद करीब से विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों की नए कोच के साथ बातचीत को करीब से देखा. सबसे अच्छी बात ये दिखी कि भले ही गंभीर अब कोच की भूमिका में है लेकिन रोहित-विराट उनके साथ पुराने साथी के तौर पर ही सहज दिखे और कई मौके पर हंसी-मज़ाक करते दिखे. अगर राहुल द्रविड़ जैसी गंभीर शख्सियत को रोहित शर्मा ने अपने चुलबले और मज़ाकिया अंदाज़ में आखिरी एक साल में सकारात्मक तौर पर बदलने में कामयाबी पायी तो शायद वही कमाल वो गंभीर के साथ भी करते दिख सकते हैं जो नाम से ही नहीं बल्कि शख्सियत के तौर पर भी गंभीर ही दिखते हैं. ये सच है कि बदलाव की उम्मीद सिर्फ कुछ महीनों के भीतर करना बेमानी होगी.

बांग्लादेश के ख़िलाफ़ पहले दो टेस्ट मैच और फिर न्यूज़ीलैंड के साथ घरेलू ज़मीं पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ में जीत टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में क्वालिफाई करने वाली बातों के दबाव को ख़त्म कर देगी. इसका मतलब ये होगा कि ऑस्ट्रेलिया में ये टीम सिर्फ टेस्ट सीरीज़ जीतने पर फोकस कर सकती है और ना कि साथ-साथ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में क्वालिफाई करने का अतिरिक्त दबाव. क्योंकि बांग्लादेश और न्यूज़ीलैंड से जीत के बाद ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया को सिर्फ एक ड्रॉ की ही ज़रूरत पड़ेगी.

कप्तान रोहित शर्मा के हौसले इस बात से बुलंद होंगे कि इस साल के शुरुआत में विराट कोहली और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी और पहला टेस्ट हारने के बावजूद उनकी टीम ने 1-4 से सीरीज जीत ली थी. रोहित को ये बखूबी एहसास होगा कि अगर ऑस्ट्रेलिया में लगातार तीसरी बार टेस्ट सीरीज जीत ली गई तो उनके नाम टी20 वर्ल्ड कप की जीत के साथ मिलकर ये भारतीय क्रिकेट की एक असाधारण कामयाबी हो सकती है. आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले विश्व-विजयी कप्तान एमएस धोनी ने भी ऑस्ट्रेलिया में सीरीज़ तो दूर की बात, कोई टेस्ट भी नहीं जीता था. रोहित का पूरा ध्यान और रणनीति इस बात पर होगी कि कैसे टीम इंडिया का तेज गेंदबाजी आक्रमण जबरदस्त पैनेपन वाला हो. जसप्रीत बुमराह को करीब ढाई महीने के ब्रेक के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के लिए वापस बुलाया गया है लेकिन वो सिर्फ एक टेस्ट के बाद फिर से आराम करने चले जाएं तो हैरान होने वाली बात नहीं होगी. न्यूजीलैंड के खिलाफ बुमराह फिर से एक या दो टेस्ट खेलने के लिए वापस आएंगे. बुमराह को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों के लिए ऊर्जावान बनाए रखना ही रोहित और गंभीर की सबसे बड़ी चुनौती नए सीजन की है. साथ ही बुमराह का साथ देने के लिए जल्द से जल्द मोहम्मद शामी भी फिट होकर वापस आएं. अजीत आगरकर मुख्य चयनकर्ता के तौर पर जानते हैं कि फिट शमी इस टीम के लिए कितने उपयोगी साबित हो सकते हैं. इसलिए बांग्लादेश के खिलाफ उन्हें शामिल नहीं करके पहले बंगाल के लिए कुछ रणजी मैच खेलने के लिए कहा गया है. मोहम्मद सिराज को भी घर में होने वाले 5 टेस्ट मैचों के दौरान हर मैच में नहीं धकेला जाएगा.

विराट से 3 शतक की उम्मीद
लेकिन, अगर बल्लेबाज़ों की बात करे तो विराट कोहली से इस नए सीज़न में 5 टेस्ट में ना सिर्फ खेलने बल्कि कम से कम से कम 3 टेस्ट शतक की भी उम्मीद होगी. अगर कोहली इस फॉर्म के साथ ऑस्ट्रेलिया जाते हैं तो वहां के 5 मैचों की सीरीज में भी फिर से 3 शतक की उम्मीद करना लाजिमी होगा. करियर के शुरुआत से ही कोहली को कंगारू जमीं काफी रास आती रही है. लेकिन, इस बार का नया टेस्ट सीजन उनके लिए काफी अहम है. एक समय उनके समकालीन जो रूट शतकों की संख्या के मामले में उनसे काफी पीछे चल रहे थे लेकिन 2021 के बाद से लेकर अब तक रुट ने 17 शतक ठोक डाले हैं जबकि इसी दौर में कोहली, स्टीव स्मिथ औऱ केन विलियमसन मिलकर 17 शतक जोड़ पाए हैं. ये रूट वाला जलवा कुछ साल पहले तक कोहली का हुआ करता था. अगर नए सीजन में कोहली आपको नए तेवर में दिखें तो इसके लिए रूट को भी थोड़ा श्रेय दिया जा सकता है जिन्होंने अचानक से ही मौजूदा दौर के सबसे बेहतरीन 4 टेस्ट बल्लेबाज़ों की बहस को बेहद दिलचस्प बना दिया है.

कुल मिलकर देखा जाय तो वर्ल्ड कप जीत के बाद भले ही कप्तान रोहित शर्मा की टीम श्रीलंका में वन-डे सीरीज हार गई हो जिस पर कोई बहुत परेशान नहीं हुआ हो, लेकिन अगली तीन टेस्ट सीरीज में फैंस के लिए हार सहन करना आसान नहीं होगा.

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