बच्चों के सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूमर की नई दवा मिली ! इस कैंसर के इलाज के लिए की गई थी तैयार, नई रिसर्च में दावा

Brain Tumor New Medicine Found: बच्चों में होने सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूमर मेडुलोब्लास्टोमा (Medulloblastoma) की एक नई दवा मिल गई है. यह दवा पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए विकसित की गई थी, लेकिन यह बच्चों में होने वाली घातक बीमारी के इलाज में भी असरदार साबित हो रही है. इस दवा का नाम ट्रिप्टोलाइड है, जिसे चीनी दवा से बनाया गया है. यह दवा मेडुलोब्लास्टोमा के प्रीक्लिनिकल मॉडल्स में बेहद कारगर साबित हुई है. सबसे अच्छी बात यह है कि ट्रिप्टोलाइड दवा का ब्रेन ट्यूमर के इलाज में इस्तेमाल करने पर कोई साइड इफेक्ट भी नहीं दिखा है. एक नई स्टडी में इसका खुलासा हुआ है.

जर्नल ऑफ क्लिनिकल इन्वेस्टिगेशन में प्रकाशित इस स्टडी में पता चला है कि ट्रिप्टोलाइड दवा ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे बच्चों के जीवन की अवधि बढ़ा सकती है और कैंसर को नष्ट करने में मदद कर सकती है. दवा का एक विशेष रूप मिनेलाइड रीढ़ की हड्डी के पतले ऊतकों में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम करने में मददगार हो सकता है. ट्रिप्टोलाइड उन ट्यूमर्स में अधिक प्रभावी हो सकती है, जिनमें एमवाईसी नामक ऑन्कोजीन या जीन पाया जाता है. यह जीन कैंसर के उत्पन्न होने की क्षमता को दर्शाता है.

साउथ कैरोलिना मेडिकल यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर जेजाबेल रोड्रिगेज ब्लैंको द्वारा की गई रिसर्च में ट्रिप्टोलाइड और मिनेलाइड ड्रग पर ध्यान केंद्रित किया गया है. इसके अलावा ट्रिप्टोलाइड की एमवाईसी नामक एक ऑन्कोजीन या जीन को टागरेट करने की क्षमता की खोज की गई, जिसमें कैंसर उत्पन्न करने की क्षमता होती है. शोध से पता चला कि ट्यूमर में एमवाईसी (प्रोटो-ओंकोजीन) की जितनी ज्यादा प्रतियां होती हैं, ट्रिप्टोलाइड उतना ही बेहतर काम करती है. अतिरिक्त एमवाईसी प्रतियों वाले ग्रुप 3 ट्यूमर में इसका प्रभाव 100 गुना ज्यादा था.

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि मिनेलाइड ट्यूमर के विकास और ब्रेन व रीढ़ की हड्डी को ढकने वाले पतले टिशू में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को कम कर सकता है, जिसे लेप्टो मेनिंगेस कहा जाता है. प्रोड्रग के इस्तेमाल से वर्तमान में उपचार में प्रयुक्त कीमोथेरेपी दवा साइक्लोफॉस्फेमाइड का प्रभाव भी बढ़ गया है. मिनेलाइड का परीक्षण वर्तमान में पैंक्रियाटिक कैंसर सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर वाले वयस्कों के क्लीनिकल ट्रायल में किया जा रहा है.

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Tags: Health, Lifestyle, Trending news

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