अब महिलाओं को नहीं होगा HIV इंफेक्शन ! वैज्ञानिकों ने तैयार की AIDS से बचाने की दवा, कीमत सिर्फ इतनी

AIDS 100 Percent Protection Shot: एक हालिया स्टडी में HIV AIDS को लेकर बड़ा दावा किया गया है. शोध करने वाले वैज्ञानिकों के मुताबिक महिलाओं को एचआईवी इंफेक्शन से 100% बचाने वाला इंजेक्शन ट्रायल में सफल साबित हुआ है. एचआईवी की यह दवा वैक्सीन की तरह काम कर सकती है. साइंटिस्ट्स का कहना है कि दो साल में एक बार इस इंजेक्शन को लगवाने से महिलाओं को एचआईवी/एड्स से पूरी तरह बचाया जा सकेगा. साउथ अफ्रीका और युगांडा में 5 हजार से ज्यादा महिलाओं के ऊपर इस इंजेक्शन का ट्रायल किया गया था, जो बेहद सफल रहा.

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी गिलियड ने सनलेन्का (Sunlenca) नाम की यह दवा तैयार की है. इस दवा को एचआईवी के ट्रीटमेंट के लिए अमेरिका, कनाडा, यूरोप और अन्य जगहों पर मंजूरी दी गई है. कंपनी का कहना है कि वह एचआईवी की इस दवा के इस्तेमाल की अनुमति मांगने से पहले पुरुषों पर किए गए ट्रायल के रिजल्ट का इंतजार कर रही है. इस स्टडी में शामिल एक ग्रुप को एचआईवी से बचाने वाली डेली प्रिवेंशन पिल्स भी दी गई थीं, लेकिन इन गोलियों के लेने के बावजूद 2% महिलाएं एचआईवी की चपेट में आ गईं.

इस वक्त HIV के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा लेनाकापाविर (Lenacapavir) का पहले साल का खर्च करीब 35 लाख रुपये आता है, जबकि नई दवा की कीमत महज 40 डॉलर (करीब 3350 रुपये) तक लाने का टारगेट कंपनी ने रखा है. अगर यह दवा महिलाओं की तरह पुरुषों को भी एड्स से बचाने में 100% सफल रही, तो इसे दुनिया में क्रांतिकारी माना जाएगा. अब तक एचआईवी से बचने के लिए अधिकतर लोग डेली प्रिवेंशन पिल्स, कंडोम और अन्य चीजों का इस्तेमाल करते हैं. जबकि कुछ दवाएं सिर्फ एचआईवी के ट्रीटमेंट के लिए इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन एड्स से बचाव नहीं हो सकता है.

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानना है कि अगर यह इंजेक्शन सबसे ज्यादा एचआईवी इंफेक्शन फैलने वाले देशों में उपलब्ध कराए जाएं, तो एड्स की महामारी से बचा जा सकता है. तमाम वैज्ञानिकों ने एड्स की दवा बनाने वाली कंपनी से इसकी कीमत कम रखने की अपील की है, ताकि यह दवा सभी लोगों तक पहुंच सके और लोग एचआईवी इंफेक्शन से बच सकें. विश्व में हर साल बड़ी संख्या में लोग एड्स की वजह से अपनी जान गंवा देते हैं और अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं बन सकी है. हालांकि अब इस इंजेक्शन के आने के बाद नई उम्मीद जगी है.

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (HIV) एक ऐसा वायरस है, जो शरीर के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है. HIV शरीर की व्हाइट ब्लड सेल्स को निशाना बनाता है, जिससे इम्यूनिटी बेहद कमजोर हो जाती है. इससे लोग टीबी, इंफेक्शन और कुछ कैंसर जैसी बीमारियों की चपेट में आसानी से आ जाते हैं. जब एचआईवी संक्रमण ज्यादा हो जाता है, तब यह एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) में बदल जाता है. एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थों से फैलता है, जिसमें खून, ब्रेस्ट मिल्क, सीमन और प्राइवेट पार्ट के फ्लड शामिल हैं.

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Tags: Health, Hiv aids, Lifestyle, Trending news

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