नर्मदापुरम. अब 12 वर्ष तक के बच्चों को इलाज के लिए बड़े शहरों और प्राइवेट अस्पतालों में नहीं जाना पड़ेगा. इकाई बनने से 12 साल तक के बच्चों को इमरजेंसी में अत्याधुनिक मशीनों से इलाज की सुविधा मिलेगी. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सरकारी अस्पताल परिसर में पीआईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) का काम लगभग पूरा हो चुका है. सरकारी अस्पताल परिसर में इकाई निर्माण का काम अगस्त 2022 से शुरू किया गया था. जिस पर करीब 1 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च होंगे. इकाई में दो बड़े-बड़े हॉल, चिकित्सकों के लिए रूम सहित अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी. इकाई की सुविधा नए साल से मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा इकाई के सामने खाली पड़ी जमीन को भी समतल करके उसे खूबसूरत लुक दिया गया है. जिससे यहां आने वाले मरीज और उनके परिजनों को बेहतर माहौल और शुद्ध वातावरण मिल सके.
इन अत्याधुनिक मशीनों से होगा इलाज
चिकित्सकों के अनुसार इस इकाई में 12 साल आयु तक के बच्चों की निमोनिया, झटके लगने, डिहाइड्रेशन या किसी भी इमरजेंसी में अत्याधुनिक मशीनों में तापमान बनाकर रखा जा सकेगा. इस गहन चिकित्सा इकाई में सक्शन मशीन, आक्सीजन मशीन, पल्स-हार्ट मीटर, सेन्ट्रल आक्सीजन सप्लाई, मानीटर, बच्चों के बीपी-शुगर यंत्र समेत बच्चों के इलाज में काम आने वाली अत्याधुनिक मशीनें रहेंगी. फिलहाल यहां 12 बिस्तरीय क्षमता वाली इकाई रहेगी. भविष्य में इसे बढ़ाया जा सकता है. भविष्य में इस इकाई को मिनी वेंटिलेटर भी मिलने की उम्मीद है. बताया जा रहा है कि इस भवन की क्षमता 20 से अधिक बेड की बनाई गई है, ताकि भविष्य में जरूरत के हिसाब से इसमें बिस्तरों की संख्या में बढ़ोतरी की जा सकेगी.
अस्पताल में नहीं था पीआईसीयू
ठेकेदार प्रशांत अग्रवाल ने लोकल 18 को बताया कि इस तरह के पीआइसीयू बड़े शहरों के निजी अस्पतालों में ही होते हैं. हालांकि जिला अस्पताल में भी यह इकाई संचालित है, लेकिन हालत बिगड़ने पर बच्चों को रेफर करने का समय तक नहीं मिलता. इटारसी के सरकारी अस्पताल में पीआइसीयू तैयार होने के बाद 1 माह से 12 साल तक के बच्चों को यहां भर्ती किया जाएगा. सीधे तौर पर इस इकाई से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकेगी. गहन चिकित्सा इकाई भवन का निर्माण पूरा हो गया है. नाली को कवर करने का काम चल रहा है. अगले कुछ दिनों में काम पूरा हो जाएगा.
मिलेगी इमरजेंसी चिकित्सा
सरकारी अस्पताल इटारसी के अधीक्षक डा. आरके चौधरी ने बताया कि बच्चों की जीवन रक्षक इकाई की सौगात मिल जाएगी. भवन बन जाने के बाद जल्द ही परिसर में गहन चिकित्सा शाखा की स्थापना होगी. इस यूनिट में एक माह से 12 साल तक के बच्चों को गंभीर हालत में आधुनिक सुविधाओं के साथ इलाज उपलब्ध होगा. अभी तक यहां नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एसएनसीयू) संचालित हो रही है. जिसमें सिर्फ एक माह की आयु के बच्चे ही रखे जा सकते हैं. करीब सवा करोड़ रुपए से गहन चिकित्सा इकाई बनाई जा रही है. इकाई से बच्चों को अत्याधुनिक तरीके से बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी. भवन हैंडओवर होने के बाद सुविधा मिलेगी.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 19:31 IST