इंदौर. कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को वक्त रहते इलाज मिलने से बचने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए जरूरी है कि शुरुआती स्टेज पर ही इसका पता लगा लिया जाए. कुछ कॉमन लक्षण हैं, जिनके जरिए कैंसर के बारे में बताया जा सकता है.
कई बार शारीरिक बदलाव को अनदेखा कर देते हैं, जिससे यह बीमारी बड़ा रूप लेती है. कैंसर सर्जन डॉ. सांकेत मित्तल बतातें हैं कि भारत में मुंह का कैंसर, लंग्स कैंसर, यूट्रस और ब्रेस्ट कैंसर से मामले ज्यादा देखने को मिलते हैं. इन सभी का एक कॉमन कारण होता है, बॉडी सेल्स की असामान्य ग्रोथ. जिसके बढ़ने से बीमारी कैंसर का रूप लेती है. इसलिए वक्त रहते यानी शुरूआती स्टेज पर पता लगाकर इस बीमारी को रोका जा सकता है.
बढ़ती उम्र भी कैंसर का कारण
कैंसर होने का मुख्य कारण है, तंबाकु, मदिरा, सिगरेट से गले का कैंसर, ब्लड, किडनी का कैंसर जैसे कई तरह के कैंसर हो सकते हैं. वहीं एक्सरसाइज का जीवन में न होना भी कैंसर का कारण हो सकता है. इसके अलावा खाने पीने में लापरवाही भी कैंसर का कारण है, क्योंकि लोग जंक फुड और फास्टफुड की ओर रूख करने लगे हैं. बढ़ती उम्र यानी वृद्धों के शरीर में बदलाव आता है, जिससे अक्सर प्रोटेस्ट कैंसर के मामले देखने को मिलते हैं. अनुवांशिक कैंसर भी हो सकता है यानि परिवार में किसी को कैंसर है तो अगली पीढ़ी में कैंसर हो सकता है. हेपेटाइट से लीवर, एयर पाल्युशन से लंग कैंसर हो सकता है. कुछ मामलों में कैंसर होने का कारण पता नहीं लगता.
नजरअंदाज न करें ये लक्षण…
– दर्द रहित गठान होना
– मुंह में छाले जो दो तीन हफ्ते तक भरे नहीं
– बिना वजह वजन कम होना
– पेट में सुजन या पानी भरना
– पेट दर्द बने रहना
– पेशाब करने की आदत में बदलाव यानी कम ज्यादा होना या रंग बदलना
– खाना निगलने या थुक गटकने में परेशानी आना
– लंबे समय तक सूखी खासी या खून वाली खासी
– गर्दन के सामने यानी गले पर गठान
कैंसर से कैसे बचें…
डॉक्टर को कहना है कि खुद को फिट रखना जरूरी है, तंबाकु, मदिरापान और स्मोक से दूर रहें. ताकि कैंसर से बचा जा सके. अगर इन लक्षणों में कुछ भी लक्षण अपने शरीर में दिखाई दें तो तुंरत डाक्टर से परामर्श लें. जैनेटिक काउंसिलंग हो ताकि पहले ही जागरूकता हो जाए और कैंसर डेवलप नहीं हो. अगर शरीर में बदलाव दिखता है तो स्क्रीनिंग करवाना जरूरी है, इससे बिमारी को रोका जा सकता है.
भारत में ब्रेस्ट कैंसर और सर्विक्स कैंसर जैसे मामले ज्यादा हैं. हर 32 में से एक महिला को ब्रेस्ट कैंसर है, जिसका पता स्क्रीनिंग से लगता है. सर्विक्स कैंसर के लिए वैक्सिन भी आई है, जो 9 से 14 वर्ष के बच्चे या 26 बरस तक के युवा को दिया जा सकता है. यह बीमारी से दूर रखने में पूरी से कारगार साबित होती है. इसके अलावा हेपेटाइट से होने वाले कैंसर के लिए भी वैक्सीन डेपलप हुआ है.
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FIRST PUBLISHED : July 13, 2024, 15:38 IST
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