बरसात में क्यों नहीं खाने चाहिए गोलगप्पे? डॉक्टर ने बताई चौंकाने वाली बात, यकीन करना होगा मुश्किल

Why Panipuri Avoid in Rainy Season: अधिकतर लोगों को गोलगप्पे खाना पसंद होता है. कई जगहों पर गोलगप्पे को पानीपूरी और पानी के बताशे भी कहा जाता है. पूरे देश में गोलगप्पे खूब खाए जाते हैं और यह सबसे ज्यादा पसंदीदा स्ट्रीट फूड है. गोलगप्पे खाने में स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन बरसात के मौसम में इनका सेवन करने से बचना चाहिए. कई जगहों पर गोलगप्पे खाने से टाइफाइड, हैजा और पेट के इंफेक्शन के मामले सामने आ चुके हैं. पिछले दिनों कर्नाटक में गोलगप्पे के पानी में FSSAI को बेहद खतरनाक तत्व मिले थे. ऐसे में सवाल है कि क्या इस मौसम में गोलगप्पे खाने चाहिए?

ग्रेटर नोएडा के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट की एडिशनल डायरेक्टर डॉ. प्रमिला बैथा ने News18 को बताया गोलगप्पे (पानीपूरी) बरसात के मौसम में अवॉइड करने चाहिए. यह फूड और वॉटर बॉर्न डिजीज फैलने का कारण बन सकते हैं. बरसात में डेंगू, मलेरिया ही नहीं, बल्कि पेट का इंफेक्शन, हैजा और खूनी दस्त का खतरा भी काफी बढ़ जाता है. गोलगप्पे खिलाने या बनाने वाला व्यक्ति अगर बिना ग्लव्स पहने ऐसा कर रहा है, तो इससे उसके हाथों पर लगे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस गोलगप्पे के पानी में मिल सकते हैं. इससे गोलगप्पे खाने वाले लोग बीमार पड़ सकते हैं.

डॉक्टर प्रमिला बैथा ने बताया कि गोलगप्पे से होने वाला पेट का इंफेक्शन, हैजा, दस्त या अन्य इंफेक्शन कई बार तो हल्के होते हैं और मरीज इलेक्टोरल पाउडर पीने से ठीक हो जाते हैं. हालांकि कई बार इंफेक्शन सीवियर हो जाते हैं और लोगों को हॉस्पिटल जाने की नौबत आ जाती है. कई मामलों में ये इंफेक्शन ब्लड प्रेशर, किडनी और यूरिन प्रॉब्लम्स की वजह बन जाते हैं, जिसकी वजह से अस्पताल में उन्हें आईवी फ्लूड और एंटीबायोटिक देने पड़ते हैं. खासतौर से जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें सड़क किनारे लगाए गए गोलगप्पे खाने से बचना चाहिए.

हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो गोलगप्पे बनाते और सर्व करते समय हाइजीन का ध्यान न रखा जाए, तो ऐसे गोलगप्पे बीमारियों की वजह बन सकते हैं. हालांकि अगर लोगों का गोलगप्पे खाने का ज्यादा मन है, तो उन जगहों पर जाकर खाएं, जहां साफ-सफाई हो और हाइजीन का ध्यान रखा जा रहा हो. नो टच टेक्नीक अपनाने वाली जगहों पर गोलगप्पे खाने में कम खतरा होता है. नो टच टेक्नीक का मतलब है कि गोलगप्पे बनाते और खिलाते वक्त उन्हें किसी ने अपने हाथों से न छुआ हो और इस दौरान साफ ग्लव्स पहने हुए हों. इससे गोलगप्पों में कंटामिनेशन का खतरा कम हो जाता है.

डॉक्टर प्रमिला ने बताया कि हाल ही में कर्नाटक में FSSAI ने सड़क किनारे पानीपूरी विक्रेताओं के सैंपल लेकर उनकी जांच की थी. इसमें पता चला कि इन गोलगप्पों को बनाते समय कई कलर्स और फ्लेवर्स का इस्तेमाल किया गया, जिनसे शरीर में कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है. ये सभी चीजें गोलगप्पों का स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं. इनसे स्वाद तो बढ़ जाता है, लेकिन कैंसर समेत कई जानलेवा बीमारियों का रिस्क भी बढ़ता है. ऐसे में लोगों को बाहर के गोलगप्पे खाने से बचना चाहिए और घर पर गोलगप्पे बनाकर खाने चाहिए.

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Tags: Health, Lifestyle, Rainy Season, Trending news

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