आई फ्लू के दौरान स्टेरॉइड दवाएं डालने से कुछ लोगों को कॉर्नियल अल्सर हो गया था. बिना डॉक्टरी सलाह के लंबे समय तक आई ड्रॉप्स डालने से आंखों की रोशनी जा सकती है.
‘कुछ दिन पहले उत्तराखंड की लाइसेंसिंग अथॉरिटी ने मेडिकल स्टोर्स पर मिलने वाली आई ड्रॉप द्रष्टि को बैन किया था. इससे पहले आई फ्लू आउटब्रेक के दौरान स्टेरॉइड वाली कई आंखों की दवाओं के इस्तेमाल को डॉक्टरों ने इस्तेमाल न करने की सलाह दी थी.’ ऐसा इसलिए भी हुआ था क्योंकि आंखों में एलर्जी, पानी आने, दर्द, पलकों पर डेंड्रफ जमने और रूखापन होने पर लोगों ने मेडिकल स्टोर्स से बिना डॉक्टरी प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं खरीदकर डालना शुरू कर दिया था. अभी भी लोग ऐसा कर रहे हैं और बच्चों या बड़ों को आंखों में दिक्कत होने पर मेडिकल स्टोर्स से दवा खरीदकर ले आते हैं और डाल लेते हैं…
लेकिन आपको बता दें कि जिसे आप आंखों में दवा समझकर डाल रहे हैं वह आपकी आंखों की दुश्मन हो सकती हैं और आंखों की रोशनी छीनकर आपको हमेशा के लिए अंधा बना सकती हैं. दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में डिपार्टमेंट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी में प्रोफेसर, डॉ. कीर्ति सिंह कहती हैं कि बाजार में आंखों की कुछ ऐसी सस्ती दवाएं हैं जो 20-30 रुपये में मिल जाती हैं लेकिन आंखों के लिए बेहद नुकसानदेह हैं.
ये भी पढ़ें
ये हैं टॉप-5 आंखों के अस्पताल, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा की फ्री होती है सर्जरी
मरीजों में दिखाई दिए साइड इफैक्ट्स
डॉ. कीर्ति सिंह बताती हैं कि दिल्ली के अस्पतालों में आई ड्रॉप्स के साइड इफैक्ट के बाद हुई बीमारियों को लेकर आए मरीजों में ऑब्जर्ब किया गया कि इन तीन स्टेरॉइड वाली दवाओं का नुकसान सबसे ज्यादा हुआ है. दिलचस्प बात है कि ये तीनों दवाएं बिना प्रिस्क्रिप्शन के, किसी भी मेडिकल स्टोर से मिल जाती हैं. अक्सर लोग बच्चों और बड़ों के लिए आंखों में एलर्जी होने पर ये दवाएं खरीदते हैं.
ये स्टेरॉइड सॉल्ट वाली आई ड्रॉप्स हैं नुकसानदेह
. प्रेडनीसोलोन (prednisolon)
. डेक्सामीथासोन (Dexamethasone)
. बीटामीथासोन (Betamethasone)
डॉ. कहती हैं कि अगर किसी आईड्रॉप पर इन तीनों में से कोई भी नाम लिखा है तो उस दवा को आप मेडिकल स्टोर प्रेक्टिशनर की सलाह पर न खरीदें. वहीं अगर कोई डॉक्टर इन दवाओं को लिखता है तो सिर्फ उस अवधि तक ही इस्तेमाल करें, जितना डॉक्टर ने बताया है. उससे एक दिन भी ज्यादा इसे आंखों में न डालें.
ये गलती करते हैं लोग
डॉ. कीर्ति कहती हैं कि लोग अपने पैसे और सोने को लॉकर में संभालकर रखते हैं लेकिन अनमोल आंखों को किसी भी दवा के हाथों सौंप देते हैं. स्टेरॉइड वाली दवाएं सर्जरी के बाद अक्सर डॉक्टर भी लिखते हैं, इनमें वे दवाएं भी हो सकती हैं जो कॉमन इस्तेमाल के लिए बैन हैं लेकिन आंखों को लेकर यही सबसे बड़ी गलती लोग करते हैं कि वे डॉक्टर के द्वारा लिखी हुई दवा को तय अवधि निकल जाने के बाद भी डालते रहते हैं. मरीजों को लगता है कि जितना दवा डलेगी उतना फायदा मिलेगा. जबकि ऐसा नहीं है.
अक्सर देखा गया है कि बीमारी ठीक होने के कुछ समय बाद अगर आंख में फिर से परेशानी होती है तो वे डॉक्टर को दिखाने के बजाय, पर्चा निकालकर उसी दवा खरीदते हैं और फिर उसे डालने लगते हैं. कई बार मरीज एक बार दिखाने के बाद वापस डॉक्टर को दिखाने ही नहीं आते और दवा डालते रहते हैं. जबकि इससे आंख को नुकसान होने की बहुत ज्यादा संभावना होती है.
आई ड्रॉप डालने से पहले करें ये काम
डॉ. सिंह सलाह देती हैं कि आंखें इतनी कीमती हैं कि अगर इनकी रोशनी एक बार चली गईं तो मिलना मुश्किल है. इसलिए इनमें जब भी दवा डालें तो पहले ये पता कर लें कि ये कहीं स्टेरॉइड वाली आई ड्रॉप तो नहीं है. अगर स्टेरॉइड आई ड्रॉप है तो हमेशा आंख का विजन और इंट्रा ऑक्यूलर प्रेशर की जांच कराने के बाद ही डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर दवा लें. अगर आप कहीं किसी सामान्य ऑप्टेमेट्रिस्ट से दवा ले रहें तो भी विजन और प्रेशर की जांच कराने के बाद ही उसे लें, वरना मना कर दें.
ये 3 दवाएं हैं सुरक्षित
. टैक्रोलिमस ओइंटमेंट ( tacrolimus ointment)
. साइक्लोस्पोरिन आई ड्रॉप (cyclosporine eye drops)
. ओलोपेटाडाइन आई ड्रॉप (olopatadine eye drops)
डॉ. कीर्ति कहती हैं कि जैसे आंखों के लिए नुकसानदेह दवाएं हैं, उसी तरह अभी तक हुए रिसर्च और स्टडीज में आंखों में एलर्जी के लिए कुछ सुरक्षित दवाएं भी देखी गई हैं. इनसे लोगों की आंखों को नुकसान नहीं हुआ है. इन्हें आंखों में डालना सुरक्षित होता है. हालांकि इनके इस्तेमाल को लेकर भी यही शर्त है कि अगर आप इन्हें डाल रहे हैं तो लंबे समय तक न डालें और कोशिश करें कि पहले आंखों के डॉक्टर से परामर्श भी ले लें.
ये भी पढ़ें
ये हैं भारत के टॉप-5 आंखों के अस्पताल, जहां फ्री या बेहद कम कीमत पर होता है इलाज
Tags: Eyes, Health News, Lifestyle, Trending news
FIRST PUBLISHED : May 17, 2024, 20:04 IST