बड़े काम का है सुंदर फूल वाला ये पौधा, खुजली और जलन सहित इन समस्याओं में देता है राहत

रिपोर्ट-  काजल मनोहर

जयपुर: सजावटी पौधों में सबसे लोकप्रिय फूलों वाला पौधा बोगेनविलिया को माना गया है. यह पौधा कई रंगों के फूलों में खिलता है. इसे बगीचे, दीवारों, और बर्तनों में सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह कठोर पौधा होता है जो हर मौसम व हर मिट्टी को सहन कर सकता है.  इस पौधे को कटिंग करके झाड़ीदार रूप में भी विकसित किया जा सकता है. यह पौधा गार्डन, घर आंगन, मुख्य गेट पर लगाया जाता है. इसके अनेकों आयुर्वेदिक महत्व भी हैं, क्योंकि इस पौधे में ढेरों औषधीय गुण मौजूद हैं.

कैसे करें बोगेनविलिया पौधे की देखभाल
गार्डनिंग एक्सपर्ट रमेश कुमार ने बताया कि इस पौधे की देखभाल के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती. इस पौधे को कम से कम 6 घंटे सीधी धूप की आवश्यकता होती है. बिना रोशनी में यह पौधा बिल्कुल भी नहीं खिलता है. इस पौधे को ज्यादा पानी भी नहीं देना चाहिए क्योंकि ज्यादा पानी से जड़ सड़ सकती है इसलिए मिट्टी सूखने पर ही इस पानी देना चाहिए. बोगेनविलिया पौधे के लिए जल निकासी सही ढंग से होनी चाहिए.

बोगनवेलिया पौधे के औषधीय गुण
आयुर्वेदिक डॉक्टर किशन लाल ने बताया कि बोगनवेलिया के फूलों का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसके अलावा इसके फूलों का सेवन करने से इम्यूनिटी मज़बूत होती है. यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. वहीं फूलों का सेवन करने से पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं. यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है. बोगनवेलिया के फूलों के सेवन से स्किन में खुजली और जलन जैसी समस्याओं से राहत मिलती है. यह चर्म रोगों में रामबाण इलाज करता है. इसके फूलों का सेवन करने से हाई कोलेस्ट्रॉल, अस्थमा और कब्ज़ जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.

ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में खूब पाया जाता है
आपको बता दें कि बोगनविलिया का पौधा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र दोनों में प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. घर में गार्डन को सजाने के लिए मुख्य रूप से इसी पौधे का उपयोग किया जाता है. राजस्थान के बड़े-बड़े गार्डन में इसके पौधे बहुत मात्रा में पाए जाते हैं. इसके लाल और सफेद सहित अलग-अलग रंग के फूल होते हैं जो देखने में बहुत ही अधिक सुंदर लगते हैं. हालांकि, पतझड़ के मौसम के समय इस पौधे से कचरा होता है.

क्या धार्मिक कार्यों में भी है इसका महत्व?
बोगनविलिया का पौधा अपने आकर्षक रंगों और सुंदरता के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका भारतीय धार्मिक परंपराओं में विशेष रूप से कोई धार्मिक महत्व नहीं है. यह मुख्यतः सजावटी पौधा है, जिसे घरों, बगीचों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाया जाता है. धार्मिक दृष्टिकोण से तुलसी, पीपल, नीम आदि पौधों का अधिक महत्व है, क्योंकि उन्हें पवित्र और आध्यात्मिक रूप से लाभकारी माना जाता है. यह पर्यावरणीय और सौंदर्यात्मक महत्व होता है और इसे अक्सर घरों के आसपास सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए लगाया जाता है. इसका किसी विशेष धार्मिक अनुष्ठान या परंपरा से सीधा संबंध नहीं है.

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