सहारनपुर: अरंड का पेड़ दिखने में घास की तरह लगता है. धार्मिक और औषधीय दृष्टिकोण से भी यह बहुत महत्वपूर्ण होता है. इसके बीजों से तेल निकाला जाता है, जिसे औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है. इसके फायदे इतने हैं कि आपकी कई सारी बीमारियां छूमंतर हो जाएंगी. दर्द से लेकर सूजन तक को भी अरंड के पेड़ का तेल ठिकाने लगा देता है.
बीमारियों के इलाज में अरंड का महत्व
आयुर्वेदिक डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अरंड का वानस्पतिक नाम Ricinus communis है. इसे आयुर्वेद में ‘पंचांगुल’ भी कहा जाता है. क्योंकि इसके पत्ते हाथ के आकार के होते हैं. इसका उपयोग कई बीमारियों में किया जाता है. यदि किसी को कब्ज की समस्या हो, तो अरंड के बीजों से निकाला गया तेल पीने से पेट साफ हो जाता है.
सूजन-दर्द को भी करे ठीक
कमर दर्द, गठिया, जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए भी अरंड का तेल वरदान साबित होता है. अरंड का तेल सिर दर्द के लिए भी लाभकारी होता है और इसे शरीर की सूजन कम करने के लिए भी प्रयोग किया जाता है. इसके साथ ही, लीवर के लिए यह सबसे अच्छा टॉनिक माना जाता है.
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अरंड के पेड़ पर यम देवता का वास
महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अरंड के पेड़ पर यम देवता का वास होता है. इसे मंगल ग्रह और राहु की शांति के लिए भी उपयोग किया जाता है. अरंड के पेड़ के भीतर ‘ऋषीनैस’ नामक विष पाया जाता है, जिसे पीने से शरीर में उग्रता उत्पन्न होती है. कालरात्रि माता की पूजा में अरंड के पौधे का विशेष महत्व होता है. तांत्रिक क्रियाओं में इसके बीजों का प्रयोग किया जाता है. अरंड के पत्तों को तोड़ने से पहले इसे प्रार्थना करनी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : October 14, 2024, 15:35 IST
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