Tips To Boost Gut Health: शरीर को हेल्दी रखने के लिए गट हेल्थ का खयाल रखना बेहद जरूरी है. गट हेल्थ का मतलब होता है आंतों की सेहत. हमारी आंतों में करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं, जिन्हें गट माइक्रोबायोम कहा जाता है. गट हेल्थ अच्छी होती है, तो खाना अच्छे से पच जाता है और पोषक तत्व शरीर में सही तरह अब्जॉर्ब हो जाते हैं. जब हमारे गट में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ता है, तो इसे डिस्बायोसिस कहते हैं. इससे जिससे पाचन और मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं पैदा होने लगती हैं. चलिए समझते हैं कि गट हेल्थ और मेंटल हेल्थ का क्या कनेक्शन है और इसे कैसे बूस्ट किया जा सकता है.
एशिया की पहली माइक्रोबायोम कंपनी ल्यूसिन रिच बायो के को-फाउंडर डॉ. देबोज्योति धर ने News18 को बताया कि गट हेल्थ यानी आंतों की सेहत को अच्छा बनाए रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसका सीधा असर फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर होता है. हेल्दी गट में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो पोषक तत्वों के पाचन और अब्जॉर्प्शन में मदद करते हैं. इसके अलावा गट और ब्रेन एक-दूसरे से जुड़े होते हैं. गट के बैक्टीरिया हमारी भावनाओं और तनाव को प्रभावित कर सकते हैं. खराब गट हेल्थ से एंजायटी और डिप्रेशन जैसे मेंटल प्रॉब्लम्स पैदा हो सकती हैं.
एक्सपर्ट के अनुसार गट हेल्थ का ध्यान रखने से मेंटल हेल्थ में काफी सुधार हो सकता है. गट में मौजूद बैक्टीरिया सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर बनाते हैं, जो हमारे मूड को कंट्रोल करते हैं. बैलेंस्ड गट हेल्थ से तनाव और सूजन कम होती है. अगर हम प्रीबायोटिक्स और प्रोबायोटिक्स जैसे फूड्स खाएं, जो गट के बैक्टीरिया को पोषण देते हैं, तो इससे हमारा मन अच्छा रहता है.
गट हेल्थ खराब होने पर क्या लक्षण नजर आते हैं?
जब गट हेल्थ खराब होती है, तब सूजन, गैस, पेट में दर्द, दस्त, कब्ज और फूड इनटॉलरेंस जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं. खराब गट हेल्थ का असर हमारी नींद पर भी पड़ सकता है और इससे थकान व नींद की समस्या हो सकती है. इससे एंजायटी, डिप्रेशन समेत कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं. गट हेल्थ की समस्या लंबे समय तक रहती है, तो गंभीर बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है. लोगों को ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए.
गट हेल्थ को कैसे सुधार सकते हैं?
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो गट हेल्थ सुधारने के लिए हेल्दी डाइट, अच्छी लाइफस्टाइल और हेल्दी हैबिट्स जरूरी हैं. गट हेल्थ सुधारने के लिए फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियों का सेवन करना चाहिए. दही का सेवन करना गट हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. पर्याप्त मात्रा में पानी पीने और तनाव को कंट्रोल करने से आंतों की सेहत में सुधार हो सकता है. गट हेल्थ को इंप्रूव करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करना भी जरूरी है. अगर किसी को शौच में ब्लड, बार-बार एसिड रिफ्लक्स, लंबे समय तक थकान या मूड स्विंग्स जैसे लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से मिलकर जांच करानी चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : October 9, 2024, 13:15 IST