जिंदगी में तनाव क्यों होता है, इससे किस तरह पाएं छुटकारा? ओशो की बताई 5 बातें मेंटल हेल्थ कर देंगी बूस्ट

Osho Tips To Boost Mental Health: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों को हद से ज्यादा तनाव से गुजरना पड़ रहा है. लंबे समय तक तनाव रहने से मेंटल हेल्थ बुरी तरह प्रभावित होती है. हमारे देश में मेंटल हेल्थ को सीरियसली नहीं लिया जाता है. लोग मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. हालांकि जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाए रखना बेहद जरूरी है. आज आपको बताएंगे कि तनाव को किस तरह कम किया जा सकता है और इसे अपनी जिंदगी को खुशहाल बनाने में उपयोग किया जा सकता है.

ओशो धाम की मेडिटेशन फेसिलिएटर मां ध्यान प्राची ने News18 को बताया कि ओशो कहते हैं कि तनाव हमेशा गलत नहीं होता है. इसे सुंदर तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है. यह जरूरी नहीं कि तनाव हमेशा नेगेटिव ही हो, लेकिन अगर हम इसे नेगेटिव समझते हैं, तो हम समस्याएं पैदा करते हैं. तनाव खुद में एक कदम उठाने का साधन हो सकता है और यह एक रचनात्मक शक्ति बन सकता है. जब तनाव होता है, तो इसे क्रिएटिव एनर्जी के रूप में यूज करें. सबसे पहले यह स्वीकार करें कि इससे लड़ने की कोई जरूरत नहीं है. तनाव बस यह संकेत है कि शरीर इससे लड़ने के लिए तैयार हो रहा है.

कैसे नेगेटिविटी से पार पा सकते हैं?

ओशो कहते हैं कि हमें डिप्रेशन, दर्द या किसी भी कठिन परिस्थिति को पूरी तरह से जीना और अनुभव करना चाहिए. नेगेटिविटी को पार करने का कोई तरीका नहीं है. जितना गहराई से हम इसे अनुभव करेंगे, उतना ही आसान होगा प्रकाश और सकारात्मकता की ओर बढ़ना. हम लोगों में से हर किसी के अंदर बहुत सी भावनाएं दबाई होती हैं, जिन्हें निकालने की जरूरत होती है. ध्यान करने की विधियां तनाव से राहत पाने में बहुत मददगार होती हैं. ये हमें मानसिक रूप से साफ करती हैं. सक्रिय ध्यान से शुरुआत करें और फिर अन्य तकनीकों की तरफ बढ़ें.

तनाव की क्या है सबसे बड़ी वजह?

ओशो के अनुसार अतीत और भविष्य के बारे में लगातार सोचना तनाव और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सबसे बड़ा कारण है. बेकार का सोचना हमें वास्तविकता से दूर ले जाता है और हम गुजरे हुए कल के साथ जीने लगते हैं. इसलिए वर्तमान में रहना महत्वपूर्ण है. ध्यान का मतलब बस बिना विचारों में उलझे वर्तमान में रहना है. विचार आएंगे और जाएंगे, हम बस चुपचाप बैठकर उन्हें देखते हैं. वर्तमान का अभ्यास चलने, नाचने, फर्श साफ करने, खाना बनाने, या अन्य कामों में किया जा सकता है. जब हम अपने काम में पूरी तरह डूबे होते हैं और सोचने की कोई एनर्जी नहीं बचती, तब हम वर्तमान में होते हैं. यही असली आनंद है, पूरी तरह से वर्तमान में रहना.

मेंटल हेल्थ कैसे कर सकते हैं बूस्ट?

मेंटल हेल्थ को बूस्ट करने के लिए ओशो ने कई तरीके बताए हैं. ओशो के मुताबिक मेंटल हेल्थ को दुरुस्त करने के लिए सरल चीजों से शुरुआत करें, जैसे गहरी सांस लेना, तेज चलना, नाचना, दोस्तों से बातें करना, अच्छी किताबें पढ़ना, प्रकृति में समय बिताना और खेल खेलना. तैराकी भी एक ऐसा खेल है, जिसे नियमित रूप से अभ्यास करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है. सबसे महत्वपूर्ण बात कि जो है उसके लिए आभारी रहना हमें खुश रखता है और जीवन में और बेहतर चीजों द्वार खोलता है है. अगला क्षण इस क्षण से जन्म लेता है, इसलिए इस क्षण को जीते रहें.

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