Effect of Laughter Exercise on Dry Eyes: आंखों की ड्राइनेस से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है. इस समस्या से जूझ रहे लोगों को अक्सर महंगे आई ड्रॉप्स खरीदने पड़ते हैं, लेकिन अब वैज्ञानिकों ने ड्राई आई से राहत पाने का नेचुरल तरीका ढूंढ लिया है. इस तरीके को अपनाकर लोग आई ड्राइनेस से राहत पा सकते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो दुनिया में करीब 36 करोड़ लोग ड्राई आई सिंड्रोम से जूझ रहे हैं. आंखों की यह समस्या स्ट्रेस से ज्यादा बढ़ सकती है. ऐसे में नया तरीका न सिर्फ ड्राई आई से निजात दिलाएगा, बल्कि स्ट्रेस की भी छुट्टी कर सकता है.
द ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) में पब्लिश रिसर्च में चीन और ब्रिटेन के शोधकर्ताओं ने आंखों की ड्राइनेस से राहत पाने का अनोखा तरीका ढूंढने का दावा किया है. शोधकर्ताओं की मानें तो आंखों की इस समस्या से राहत पाने के लिए लाफ्टर एक्सरसाइज बेहद कारगर हो सकती है. इससे आंखों पर आई ड्रॉप्स जैसा ही असर होगा और ड्राइनेस कम होने लगेगी. इस रिसर्च में लाफ्टर एक्सरसाइज को ड्राई आई के इलाज के लिए एक प्रभावी तरीका बताया गया है. लाफ्टर एक्सरसाइज आंखो के लिए सुरक्षित, निशुल्क और घरेलू इलाज है. खास बात यह है कि इससे आंखों की ड्राइनेस के साथ स्ट्रेस भी कम हो जाएगा.
इस स्टडी में शामिल कुछ लोगों को लाफ्टर एक्सरसाइज कराई गई, जबकि कुछ लोगों की आंखों में ड्रॉप्स डाले गए. डाटा का एनालिसिस करने के बाद रिसर्चर्स ने बताया कि लाफ्टर एक्सरसाइज ड्राई आई से राहत दिलाने में ड्रॉप्स की तरह असरदार हो सकती है. हंसी की एक्सरसाइज न केवल आंखों की असुविधा को कम करती है, बल्कि यह मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए भी बेहद फायदेमंद है. इससे स्ट्रेस कम हो सकता है और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिल सकती है. ओवरऑल हेल्थ के लिए भी लाफ्टर एक्सरसाइज लाभकारी होती है.
शोधकर्ताओं ने लाफ्टर एक्सरसाइज के असर को समझने के लिए पहले के अध्ययनों की समीक्षा की, जिनमें पता चला है कि लाफ्टर थेरेपी डिप्रेशन, एंजाइटी और पुरानी समस्याओं को दूर करने में मददगार हो सकती है. हंसी हमारे शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन को कम करती है और इम्यून सेल्स को एक्टिव कर देती है. इससे इंफेक्शन से लड़ने वाली एंटीबॉडीज को बढ़ाने में मदद मिलती है. हंसी से शरीर में पॉजिटिव बदलाव होते हैं, जो ड्राई आई के लक्षणों को कम करने में काफी मदद करते हैं. ड्राई एक की समस्या होने पर लोगों को आंखों में जलन, दर्द, रेडनेस, खुजली और इरिटेशन महसूस होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 08:22 IST