बात तो सच्ची है, मीट खाने से हो सकता है डायबिटीज, कैसर और हार्ट डिजीज, समय से पहले उपर जाने का भी डर, रिसर्च में खुलासा

Meat Can Increase Diabetes Cancer: अक्सर बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि ज्यादा मीट नहीं खाना चाहिए. युवा इस बात को यूं ही हंसी-मजाक में उड़ा देते हैं लेकिन रिसर्च की मानें तो यह बात सच्ची है. इसलिए यदि आप ज्यादा मीट खाने के शौकीन हैं तो थोड़ा परहेज कर लें क्योंकि इससे डायबिटीज, कैंसर और हार्ट अटैक का एक साथ खतरा है. (meat eating increase risk of diabetes, cancer, heart attack) हालिया रिसर्च में इतना तक दावा किया गया है कि ज्यादा मीट खाने वाले का समय से उपर जाने यानी मौत का जोखिम कई गुना ज्यादा हो जाता है. हालांकि मीट में रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट से यह खतरा है. बकरे का मीट रेड मीट होता है. वहीं विदेश में बड़े जानवरों के मीट को ज्यादा दिनों तक खाने के लिए प्रोसेस्ड कर दिया जाता है. ये सारे प्रोडक्ट बेहद हानिकारक है और इससे कई तरह की बीमारियां हो सकती है.

20 लाख लोगों पर अध्ययन

न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के मुताबिक हालिया स्टडी में यह बात साबित हो चुकी है कि ज्यादा मीट खाने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. यह स्टडी लेंसेट डायबेट्स एंड एंडोक्राइनोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 31 अलग-अलग स्टडीज में शामिल 20 लाख लोगों के हेल्थ डाटा का विश्लेषण किया. अध्ययन में 20 देशों के लोगों को शामिल किया गया था जिसमें एशियाई लोग भी थे. शोधकर्ताओं ने इन लोगों के 10 साल के खान-पान पर ध्यान दिया. इसके साथ ही इन लोगों के परिवार में डायबिटीज का इतिहास, इनका मोटापा, फिजिकल एक्टिविटी और स्मोकिंग को भी आधार बनाया गया.

इसके बाद विश्लेषण में यह बात सामने आई कि जिन लोगों ने रोजाना 50 ग्राम के आसपास मीट खाया उनमें टाइप 2 डायबिटीज 15 प्रतिशत तक पाए गए. जिन लोगों ने 100 ग्राम रेड मीट का रोजाना सेवन किया उनमें डायबिटीज का खतरा और 10 प्रतिशत बढ़ गया. यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज की प्रोफेसर डॉ. नीता फोरॉही ने कहा कि इस डाटा में यह भी बताया गया कि रोजाना चिकन खाने से भी टाइप 2 डायबिटीज का खतरा 8 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसमें अभी और रिसर्च करने की जरूरत है. इसके बावजूद कोई भी ज्यादा रेड मीट का सेवन न करें तो उनकी हेल्थ के लिए यह ज्यादा बेहतर है.

क्यों रेड मीट से बढ़ता है खतरा
डॉ. नीता ने बताया कि इसके पीछे कई बातें सामने आ चुकी है. उन्होंने कहा कि अब हम सब जानते हैं कि रेड या प्रोसेस्ड मीट में बहुत अधिक मात्रा में सैचुरेटेड फैट होता है. सैचुरेटेड फैट इंसुलिन को रेजिस्ट यानी नकारा बनाने के लिए बहुत बड़ा हथियार है. यही कारण है कि रेड या प्रोसेस्ड मीट से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा ज्यादा होता है. डॉ. नीता ने बताया कि मीट किसी भी मामले में फ्रूट्स और बेजिटेबल का मुकाबला नहीं कर सकता है. हर मामले में फल और सब्जी इससे बेहतर होते हैं. उन्होंने कहा कि मीट के साथ एक और दिक्कत यह है कि जब भी आप इसे हाई टेंपरेचर पर गर्म करेंगे तो इसमें कई तरह के खतरनाक कंपाउड बनने लगेंगे. ये कंपाउड हमारे सेल को डैमेज करने लगते हैं. इससे इंफ्लामेशन बढ़ता है और इंसुलिन रेजिस्टेंस भी बढ़ जाता है. ये सब कारण डायबिटीज के जोखिम को कई गुना बढ़ा देता है.

कितनी मात्रा में खाना सुरक्षित

टर्फ यूनिवर्सिटी के कार्डियोलॉजिस्ट और प्रोफेसर डॉ. देरियुश मोजाफरियान ने बताया कि अगर आप रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट का रेगुलर सेवन करते हैं तो चाहे कितना भी कम क्यों न खाएं, यह नुकसान पहुंचाएगा ही. कई अध्ययनों में इसका सीधा संबंध टाइप 2 डायबिटीज से बताया गया है. हर तरह से प्रोसेस्ड मीट अनहेल्दी है. इसलिए हर किसी को मीट से ध्यान हटाकर प्लांट बेस्ड डाइट पर ध्यान देना चाहिए.

FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 11:07 IST

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