अमेरिकी सिंगर लांस बैस को हुई टाइप 1.5 डायबिटीज, जानें क्या है यह बीमारी, कैसे किया जाता है इलाज

All About Type 1.5 Diabetes: अमेरिका के मशहूर पॉप सिंगर और एक्टर लांस बैस (Lance Bass) ने खुलासा किया है कि वे टाइप 1.5 डायबिटीज से जूझ रहे हैं. पिछले सप्ताह सोशल मीडिया पर उन्होंने फैंस को यह जानकारी दी थी. अधिकतर लोगों ने टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बारे में तो सुना है, लेकिन जब लांस बैस ने टाइप 1.5 डायबिटीज का जिक्र किया, तो लोग इंटरनेट पर इस अनोखी बीमारी को सर्च करने लगे. तमाम लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर टाइप 1.5 डायबिटीज क्या होती है? यह अन्य डायबिटीज से किस तरह अलग है और इसका इलाज क्या है. चलिए इस बारे में जानते हैं.

मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक लेटेंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स (LADA) को ही टाइप 1.5 डायबिटीज कहा जाता है. यह डायबिटीज का एक ही टाइप है, जो किशोरावस्था से शुरू हो जाती है और धीरे-धीरे बढ़ती जाती है. यह डायबिटीज टाइप 1 डायबिटीज की तरह तब शुरू होती है, जब किसी व्यक्ति का पैंक्रियाज इंसुलिन बनाना बंद कर देता है. जब किसी व्यक्ति के शरीर में ऑटोइम्यून डिजीज की वजह से पैंक्रियाज की सेल्स डैमेज होना शुरू हो जाती हैं, तब टाइप 1.5 डायबिटीज पैदा हो सकता है. हालांकि टाइप 1 की अपेक्षा टाइप 1.5 डायबिटीज धीरे-धीरे बढ़ती है.

कई वैज्ञानिकों का मानना है कि LADA टाइप 1 डायबिटीज का एक रूप है, जो वयस्कों में बहुत धीरे-धीरे विकसित होती है. इसे कभी-कभी टाइप 1.5 डायबिटीज भी कहा जाता है. इसके लक्षण आमतौर पर उन लोगों में शुरू होते हैं, जो 30 वर्ष से अधिक उम्र के होते हैं. टाइप 1 डायबिटीज बेहद कम उम्र में शुरू हो जाती है. LADA वाले कई लोगों को गलती से टाइप 2 डायबिटीज का मरीज समझ लिया जाता है. इस बीमारी की पहचान करना कठिन हो सकता है, क्योंकि इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और टाइप 2 डायबिटीज जैसे होते हैं.

टाइप 1.5 डायबिटीज के मरीजों का ट्रीटमेंट इंसुलिन थेरेपी के जरिए किया जाता है. इसके मरीजों को इंसुलिन की डोज लेनी पड़ती है. हालांकि कुछ मामलों में ओरल एंटीडायबिटिक दवाओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसके अलावा मरीज को भी अपनी डाइट और एक्सरसाइज पर भी ध्यान देना पड़ता है, ताकि ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सके. टाइप 1.5 डायबिटीज (LADA) एक ऐसा रोग है, जो धीरे-धीरे विकसित होने वाला होता है. इसमें रोगी को इंसुलिन की आवश्यकता होती है, लेकिन वह लगभग टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण दिखाता है. ऐसे में सही जांच और सही इलाज जरूरी है.

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