इस साल की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं.संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं.
ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी कहते हैं. इस साल यह व्रत मई माह का अंतिम चतुर्थी व्रत है. इस दिन व्रत रखकर विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करते हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं. यह व्रत बिना चंद्रमा को अर्घ्य दिए बिना पूर्ण नहीं हो सकता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव बताते हैं कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और पाताल की भद्रा है. आइए जानते हैं कि एकदंत संकष्टी चतुर्थी कब है? पूजा का मुहूर्त और चंद्र अर्घ्य का समय क्या है?
किस दिन है एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, इस बार 26 मई रविवार को शाम 06 बजकर 06 मिनट पर ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी की शुरूआत होगी. यह तिथि 27 मई सोमवार को शाम 04 बजकर 53 मिनट पर खत्म होगी. चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय का महत्व है. ज्येष्ठ संकष्टी चतुर्थी व्रत 26 मई रविवार को रखा जाएगा क्योंकि चतुर्थी का चंद्रोदय उस दिन ही है, 27 मई को चंद्रोदय चतुर्थी तिथि के बाद पंचमी में हो रहा है.
ये भी पढ़ें: 31 मई को बुध बदलेगा अपनी राशि, 4 राशिवालों की बुलंद होगी किस्मत, एकसाथ कई सपने होंगे पूरे!
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 पूजा मुहूर्त
यदि आप 26 मई को एकदंत संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखते हैं तो आप गणेश जी की पूजा सूर्योदय के बाद कर सकते हैं क्योंकि 05:25 ए एम से लेकर 10:36 ए एम तक सर्वार्थ सिद्धि योग बना हुआ है. इसके अलावा उस समय साध्य योग भी बना होगा. सर्वार्थ सिद्धि योग में आप जो कार्य करते हैं, वह सफल सिद्ध होता है.
3 शुभ योग में है एकदंत संकष्टी चतुर्थी
इस साल की एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं. एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह में साध्य योग बना है, जो 08:31 ए एम तक रहेगा. उसके बाद से शुभ योग बन जाएगा. सर्वार्थ सिद्धि योग भी बना है.
ये भी पढ़ें: कब शुरू हो रहा ज्येष्ठ माह? भगवान त्रिविक्रम की करें पूजा, जानें जेठ में कौन से काम करने से लगेगा दोष
एकदंत संकष्टी चतुर्थी 2024 अर्घ्य समय
संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है. 26 मई को चंद्रोदय रात 10:12 पी एम पर होगा. इस समय पर आप चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं.
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का महत्व
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से सभी कष्ट और संकट दूर होते हैं. भगवान गणेश के आशीर्वाद से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जीवन में शुभता बढ़ती है और कार्य बिना बाधा के पूर्ण होते हैं. गणेश जी के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता मिलती है.
Tags: Dharma Aastha, Lord ganapati
FIRST PUBLISHED : May 24, 2024, 07:03 IST