बस्ती: पान के पत्ते केवल स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माने जाते हैं. आयुर्वेद में प्राचीन समय से इनका उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत दिलाने में किया जा रहा है. इनमें मौजूद गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-डायबिटिक गुण पाचन तंत्र से लेकर हृदय और मुंह के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
पाचन तंत्र के लिए वरदान
आयुर्वेदिक डॉक्टर बाल कृष्ण के अनुसार, पान के पत्ते गैस, पेट की जलन और अपच जैसी समस्याओं को कम करने में काफी प्रभावी होते हैं. इनमें मौजूद प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी और गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव तत्व पेट की अंदरूनी परत को सुरक्षा देते हैं और अल्सर जैसी समस्याओं से राहत प्रदान करते हैं. नियमित सेवन से पाचन क्रिया में सुधार होता है, जिससे पेट की अन्य समस्याओं में भी राहत मिलती है.
डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में कारगर
डॉक्टर बाल कृष्ण बताते हैं कि पान के पत्तों में एंटी-डायबिटिक गुण भी होते हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को संतुलित रखने में मदद करते हैं. इसके नियमित सेवन से डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलता है. साथ ही, यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में भी मददगार है, जिससे दिल की सेहत में सुधार होता है और हृदय रोगों का खतरा घटता है.
माउथ फ्रेशनर और दांतों की सुरक्षा
पान के पत्ते एक बेहतरीन माउथ फ्रेशनर की तरह काम करते हैं. इन पत्तों में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह में बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकते हैं और दांतों की सुरक्षा करते हैं. नियमित रूप से इनका सेवन मुंह की बदबू, संक्रमण और दांतों से जुड़ी समस्याओं से बचाव में सहायक हो सकता है. ताजगी और स्वच्छता के लिए पान के पत्तों का उपयोग सदियों से किया जा रहा है.
आयुर्वेद में पान के पत्तों का विशेष महत्व
डॉक्टर बाल कृष्ण के अनुसार, आयुर्वेद में पान के पत्तों का उपयोग वात, पित्त और कफ दोषों को संतुलित करने में किया जाता है. यह शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं और दर्द निवारण में भी सहायक हैं. पान के पत्तों का सेवन शरीर की आंतरिक सफाई करने के साथ ही ताजगी भी प्रदान करता है, जिससे स्वास्थ्य को संपूर्ण रूप से लाभ मिलता है.
पान के पत्तों का सेवन कैसे करें?
पान के पत्तों का सेवन आप चबाकर या इसके रस का उपयोग करके कर सकते हैं. ध्यान रहे कि बहुत अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर में गर्मी भी बढ़ा सकता है. आयुर्वेद में पान के पत्तों का उपयोग सही मात्रा और तरीके से करने पर विशेष जोर दिया गया है ताकि इसके अधिकतम लाभ प्राप्त किए जा सकें.
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FIRST PUBLISHED : November 9, 2024, 07:16 IST
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