यह लगातार दूसरी तिमाही है जिसमें कंपनी की सेल्स में कमी हुई है। टेस्ला को प्राइस घटाने और कम इंटरेस्ट रेट पर फाइनेंसिंग की पेशकश करने के बावजूद इसकी सेल्स नहीं बढ़ी है। पिछली तिमाही में कंपनी ने मैन्युफैक्चरिंग से 33,000 यूनिट्स से अधिक यूनिट्स की बिक्री की है। टेस्ला को बिक्री का बड़ा हिस्सा कम प्राइस वाली मॉडल 3 और मॉडल Y से मिला है। मौजूदा कैलेंडर ईयर के पहले छह महीनों में कंपनी ने 9,10,000 यूनिट्स से अधिक की बिक्री है। हाल ही में कंपनी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर, Elon Musk ने बताया था कि कंपनी अगले वर्ष नए और अफोर्डेबल मॉडल्स को लॉन्च करेगी।
पिछले वर्ष टेस्ला की मॉडल Y दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली कार रही है। जापान की ऑटोमोबाइल कंपनी Toyota की Corolla लगभग दो दशक से इंटरनेशनल मार्केट में सबसे अधिक बिकने वाली कार थी। पिछले वर्ष यह बिक्री के लिहाज से चौथे स्थान पर थी। Jato Dynamics के डेटा के अनुसार, पिछले वर्ष टेस्ला ने मॉडल Y की लगभग 12.2 लाख यूनिट्स बेची हैं। यह वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लगभग 64 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। टोयोटा ने कोरोला की बिक्री में लगभग 19 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है। पिछले वर्ष टोयोटा की RAV4 लगभग 10.8 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ दूसरी सबसे अधिक बिकने वाली कार रही है।
टेस्ला को पिछले कई महीनों से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इलेक्ट्रिक कारों के प्राइसेज घटाने के बावजूद कंपनी की सेल्स नहीं बढ़ रही है। इस वजह से मस्क ने कंपनी में छंटनी करने का फैसला किया है। इस वर्ष की शुरुआत से कंपनी में लगभग 6,000 वर्कर्स की छंटनी हुई है। इसने सॉफ्टवेयर, सर्विस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट्स से वर्कर्स को बाहर किया है। यह कंपनी की स्ट्रैटेजी में एक बड़े बदलाव का संकेत है। पहली तिमाही में कंपनी के EV की डिलीवरी में लगभग 8.5 प्रतिशत की कमी हुई थी।
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