Besan for Weight Loss: हमारे देश में गेंहू और चावल मुख्य आहार है. हर किसी के घर में ये दोनों अनाज किसी न किसी रूप में बनते ही है. 100 ग्राम गेंहू में 71 ग्राम कार्बोहाइड्रैट होता है जो एनर्जी का हमारे लिए मुख्य स्रोत बन जाता है. इसके अलावा भी विटामिन और मिनिरल्स होते हैं लेकिन अधिक कार्बोहाइड्रैट के कारण गेंहू आदर्श आहार नहीं है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ज्यादा होता है. यही कारण है इसे वजन बढ़ाने का कारक भी माना जाता है. इसमें प्रोटीन बहुत कम होता है. इसलिए यदि आप गेंहू के आटे में थोड़ा सा बेसन मिला दें तो यह आपके लिए बेहद पौष्टिक तत्व तो बन ही जाता है. साथ ही यह कई बीमारियों के जोखिम को भी कम कर सकता है.
गेंहू के आटे में बेसन को क्यों मिलाए
अमेरिका के फोनिक्स में प्रैक्टिस कर रही क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि भोजन को पौष्टिक बनाने का सबसे बेहतरीन तरीका है गेंहू के आटे में बेसन मिला दीजिए. बेसन यानी के चने के आटे में हर तरह के पोषक तत्व मिल जाएंगे. इसमें बहुत ज्यादा मात्रा में फाइबर और प्रोटीन मिलता है. इसके साथ ही इसमें कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट की भी कमी नहीं है. इस तरह यह संपूर्ण पौष्टिक आहार बन जाता है. इसका स्वाद भी बढ़ जाता है. डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि हमारे देश में हेल्थ खराब होने के पीछे एक यह भी कारण है कि लोग प्रोटीन का सेवन कम कर पाते हैं. जबकि इसके कई सस्ते स्रोत भी उपलब्ध हैं. बेसन इन्हीं में से एक है. यह प्रोटीन का खजाना है. इसलिए रोजाना के भोजन में इसे आप विभिन्न तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं.
वजन पर लगा सकता है लगाम
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि बेसन में फाइबर और प्रोटीन बहुत ज्यादा होते हैं. इस कारण अगर आप सुबह इसकी रोटियां खा लें तो लंबे समय तक आपको भूख नहीं लगेगी. इससे आपका वजन गिरने लगेगा. सौ ग्राम चना में 12 ग्राम डायट्री फाइबर होता है. हालांकि वजन कम करने का फायदा तब और ज्यादा होगा जब इसके छिलके के साथ इसे पीसकर आटा बनाया जाए. इससे पूरा फाइबर मिल पाता है. ज्यादा फाइबर होने के कारण यह पेट को बहुत देर तक भरा हुआ महसूस कराता है. इसलिए भूख कंट्रोल रहती है. डाइट्री फाइबर पाचन को भी धीमा कर देता है.
हार्ट के लिए फायदेमंद
बेसन में पोटैशियम और मैग्नीशियम भी होते हैं. ये दोनों तत्व हार्ट के लिए बहुत अच्छे होते हैं. यानी इससे हार्ट के मसल्स मजबूत होंगे और हार्ट से संबंधित बीमारियों को जोखिम कम होगा. इतना ही नहीं कुछ रिसर्च में यह भी पाया गया है कि बेसन में सॉल्यूबल फाइबर पाया जाता है जो एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल और टोटल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसके अलावा यह ट्राईग्लिसेराइड्स को भी कम करता है. इस तरह यह दृष्टिकोण से हार्ट के लिए फायदेमंद है. बेसन के आटे का सेवन ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल कर सकता है.
ब्लड शुगर को कंट्रोल करता
डॉ. प्रियंका रोहतगी ने बताया कि यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं तो निश्चित रूप से गेंहू के आटे में बेसन का आटा मिलाकर रोटी बनाइए और इसका सेवन कीजिए. सिर्फ गेंहू से बनी रोटियां खाएंगे तो इससे शुगर बढ़ने का खतरा रहेगा. बेसन का जीआई यानी ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. यानी यह ब्लड शुगर को बढ़ने नहीं देता है. इस कारण यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है. बेसन में डाइट्री फाइबर और प्रोटीन शुगर को घटाने में मदद करता है. दरअसर, ये सारे तत्व खून में कार्बोहाइड्रेट को ज्यादा होने से रोकता है क्योंकि इसका अवशोषण बहुत धीमा हो जाता है. एक स्टडी के मुताबिक खाने के बाद यदि बेसन या काले चना का सेवन किया जाए तो ब्लड शुगर लेवल 36 प्रतिशत तक कम हो जाता है.
इसे भी पढ़ें-साबुन तो बहुत लगाया लेकिन कभी समझा कि कौन सा आपको सूट करेगा, डिब्बे के पीछे लिखा TFM में है सारा राज, जानिए मतलब
इसे भी पढ़ें-हड्डियों में जान भर देगी आपकी ये 4 छोटी-छोटी आदतें, हाथ-पैरों में आ जाएगी चट्टानी शक्ति, बुढ़ापे में भी खतरा टलेगा
Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 13:32 IST