Night Shift Fertility Issues: रात में काम करना और फर्टिलिटी के बीच गहरा संबंध है. यह बात कई रिसर्च में सामने आ चुकी है लेकिन इस मामले में एक्सपर्ट क्या कहते हैं यह जानना भी जरूरी है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर में फर्टिलिटी एक्सपर्ट डॉ. भारती धोरेपाटिल इस बात पर चिंता जताते हुए कहती हैं कि ऐसा हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति लगातार नाइट शिफ्ट में काम करता है तो उसे बच्चा होने में समस्या हो सकती है. उन्होंने बताया कि नाइट शिफ्ट कई तरह से प्रजनन स्वास्थ्य को खराब करती है.
क्या सच में ऐसा होता है
डॉ. भारती धोरेपाटिल ने बताया कि चाहे वह पुरुष हो या महिला, अगर वह लगातार नाइट शिफ्ट में काम करता है तो खतरनाक तरीके से फर्टिलिटी भी कम होती है. अध्ययन में यह साबित हो चुका है कि नाइट शिफ्ट व्यक्ति के सार्केडिय रिद्म को खराब कर देता है जिसके कारण कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं आ जाती है. इससे प्रजनन स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है. लगातार नाइट शिफ्ट में काम करने के कारण महिलाओं में पीरियड्स अनियमित होने लगते हैं, इससे गर्भ धारण करने के बाद गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है. वहीं महिलाओं में रिप्रोडक्टिव हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन कम हनने लगता है जिसके कारण प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत हो सकती है. वहीं पुरुषों के स्पर्म को नाइट शिफ्ट बुरी तरह प्रभावित कर सकता है. नाइट शिफ्ट के कारण पुरुषों में हार्मोन का बैलेंस बिगड़ जाता है जिसके कारण सर्केडियन रिद्म बिगड़ जाता है और स्पर्म की गुणवत्ता खराब होने लगती है. इससे बाप बनने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.
नाइट शिफ्ट से महिलाओं को नुकसान
डॉ. भारती धोरेपाटिल कहती हैं कि अगर महिला नाइट शिफ्ट में लगातार काम कर रही हैं तो खतरनाक स्थिति में पीरियड्स या मासिक धर्म कभी देर से तो कभी पहले आ सकता है या कभी-कभी बहुत दिनों तक आता ही नहीं है इससे अंडे नीचे नहीं उतर पात है. यह सब प्रेग्नेंसी को होने में मुश्किल में डाल सकता है. अगर बहुत लंबे समय तक सर्केडियन रिद्म ठीक नहीं हुआ है कि अंडा बनने में काफी परेशानी होगी और इससे मां बनने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है. वहीं इससे बांझपन का खतरा बढ़ेगा. अगर प्रेग्नेंसी होगी भी तो उसके बाद गर्भपात का खतरा बढ़ जाएगा.
पुरुषों में नाइट शिफ्ट का खतरा
जब कोई पुरुष बहुत लंबे समय से नाइट शिफ्ट कर रहा है तो इससे स्पर्म की संख्या सहित उसकी गतिशीलता और उसका आकार भी परिवर्तित होगा. इस सबके कारण स्पर्म की गुणवत्ता खराब होने लगेगी और ऐसे व्यक्तियों के बाप बनने में बहुत परेशानी होगी. वहीं कई तरह के प्रजनन संबंधी हार्मोन कम बनने लगेंगे. अगर बहुत लंबे समय तक नाइट शिफ्ट किया जाए तो स्पर्म का डीएनए टूटने लगेगा जिससे बच्चा होने में काफी परेशानियों को सामना करना होगा और अगर इस स्पर्म से प्रेग्नेंसी होती भी है तो गर्भपात की आशंका हमेशा बनी रहेगी.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 15:20 IST